निष्क्रिय आमदनी

विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति (संपत्ति 47 बिलियन डॉलर या 220000 करोड़) यानी बर्कशेयर हाथवे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व जाने-माने प्रसिद्ध निवेशक वारेन बफेट ने पिछले वर्ष की शुरुआत में बहुत ही महत्वपूर्ण सलाह दी थी, जो कि आज भी प्रासंगिक है। उनके अनुसार किसी भी व्यक्ति को एक ही कमाई के साधन पर आश्रित नहीं होना चाहिए।

बहुत से व्यक्तियों को यह ख्याल सताता रहता है कि अगर किसी कारण से वे काम करने के काबिल न रह जाएँ या नौकरी छूट जाए या व्यापार में बहुत नुकसान हो जाए और या अगर वे खुद ही आगे काम ही नहीं करना चाहें तो क्या उनका व उन पर आश्रित परिवार के रोजमर्रा के खर्चों का निर्वाह आसानी से हो पाएगा?

देखा गया है कि जिन व्यक्तियों के पास ऐसा कोई वैकल्पिक आय-स्रोत मौजूद होते है, वे टेंशन मुक्त होकर व पूरी लगन से अपना मौजूदा कार्य करते हैं, सोचे-समझे जोखिम को उठाते हुए अपनी आमदनी को बढ़ाने की चेष्ठा करते हैं और ज्यादातर सफल भी होते हैं।

निष्क्रिय आमदनी एक ऐसी आमदनी है, जिसको कमाने के लिए व्यक्ति को सक्रिय रूप से काम न करना पड़े व जिसके होने से वह अपने रोजमर्रा के खर्चों का निर्वाह आसानी से कर सके।

सभी व्यक्ति निष्क्रिय आमदनी की इच्छा जरूर रखते होंगे, पर सवाल यह आता है कि ऐसा स्रोत आए कहाँ से? किसी भी प्रकार की वित्तीय संपत्ति खरीदने के लिए एक दूरदर्शी सोच के साथ बचत को उपयुक्त निवेश करने की आदत डालने की जरूरत होती है।

वारेन बफेट की निवेशकों को दी हुई एक और सलाह यहाँ वापस याद आती है। उनके अनुसार खर्च करने के बाद बची हुई राशि को निवेश करने की आदत से बेहतर आदत तो यह होगी कि बचत करने के बाद बची हुई राशि खर्च की जाए।

हर व्यक्ति को छोटी-छोटी बचत से ऐसी वित्तीय संपत्ति इकठ्ठा करना चाहिए, जिस पर प्राप्त शुद्ध लाभ लंबी अवधि की महँगाई की दर से ज्यादा हो।

अपने निवेश को मुद्रास्फीति और टैक्स से बचाने की पुरजोर कोशिश करते हुए ऐसे वित्तीय लक्ष्य को पाने की तमन्ना होना चाहिए, जिससे वह निष्क्रिय आमदनी प्राप्त हो सके, चाहे वह ब्याज, डिविडेंड अथवा पूँजीगत लाभ हो या संपत्ति से किराया हो या संपत्ति को रहन रख कर रिवर्स मार्टगेज के रूप में ही क्यों न हो।

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