क्रिकेट और राजनीति में अंतर

प्रश्न : दद्दू, क्रिकेट और राजनीति में क्या अंतर है।

उत्तर : बहुत अंतर हैं। हाल ही में आश्चर्य की बात हुई कि महाराष्ट्र के 40 वर्षीय स्पिन बॉलर प्रवीण तांबे जिन्होंने आईपीएल में खरीदे जाने के पूर्व कभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेला था, ने कोलकाता नाइट रायडर्स के विरुद्ध आईपीएल 2014 की पहली हैट्रिक लेकर राजस्थान रायल्स की अपनी टीम को विजयश्री दिला दी। वैसे उन्हें कभी मुंबई की टीम या घरेलू टूर्नामेंट के लायक भी नहीं समझा गया। वो हमेशा मुंबई के घरेलू क्लब टूर्नामेंट 'कांगा लीग' में ही खेलते रह गए और इस बीच जब भारतीय क्रिकेट में एक अच्छे स्पिनर की जरूरत भी महसूस हुई तो तांबे का जिक्र कभी नहीं हुआ।

वहीं दूसरी और राजनीति में बड़े नामी-गिरामी नेताओं के (सु) पुत्र, जिन्होंने प्रथम श्रेणी तो क्या बल्कि घरेलू राजनीति में भी भाग नहीं लिया होता है वे राज्य एवं केन्द्र की शीर्ष राजनीति के पात्र बन छा जाते हैं और फिर भी किसी को आश्चर्य नहीं होता है और राजनीति की राष्ट्रीय टीम में शामिल बड़े धुरंधर मुंह टापते रह जाते हैं।

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