प्रश्न : दद्दू, नरेन्द्र मोदीजी के द्वारा अपने सद्भावना उपवास के दौरान मौलाना इमाम मेहन्दी हसन बाबा द्वारा प्रस्तुत टोपी पहनने से इंकार कर दिया था। इस बात का अब तक बवाल मचाया जा रहा है। आपके मत में क्या मोदीजी का इंकार गलत कदम था?
उत्तर : देखिए हिन्दी का मुहावरा है कि अमुक व्यक्ति ने अमुक व्यक्ति को टोपी पहना दी, जिसका अर्थ होता है कि मूर्ख बना दिया या ठग लिया। इस मुहावरे से यही सन्देश मिलता है कि इंसान को अपनी टोपी ही पहनना चाहिए और यदि कोई दूसरा उसे टोपी पहनाने की कोशिश करे तो उसे चतुराई से विफल कर देना चाहिए। इस दृष्टि से मोदीजी का इंकार गलत नहीं माना जा सकता है। हां, अनेक नेता टोपी को, जबकि वह सम्मान देने की खातिर पहनाई जाती है, पहन जरूर लेते हैं किंतु पहनाने वाले द्वारा नजरे फेरते ही पुष्पहार की तरह उतार कर अलग रख देते हैं। इस तरह से से पहनना और न पहनना एक बराबर ही हुआ न।