दद्दू का दरबार : चांद पर मोहब्बत की दुकान

प्रश्न : दद्दू जी, भारत के चंद्रयान-3 ने कल 23 अगस्त 2023 की शाम चांद पर भारतीय तिरंगा लहरा दिया। आपने क्या महसूस किया। 
उत्तर : कल की शाम एक बहुत ही सुहानी शाम थी। 130 करोड़ भारतीयों की तरह दद्दू का सिर भी गर्व से ऊंचा हो गया। सीना 56 इंच चौड़ा हो गया। तेजी से धड़क रहे दिल को सुकून मिल गया। रगों में खून और तेजी से दौड़ने लगा। पैर नृत्य करने लगे। हाथ की मुठ्ठी बंद होकर चांद की ओर उठ गई। शरीर के रोएं भी हमारे वैज्ञानिकों के सम्मान में खड़े हो गए। 
 
प्रश्न : दददू जी, इस ऐतिहासिक सफलता के बाद आपकी क्या अपेक्षा है।
उत्तर : देखिए एक दो तीन के बाद 
चार पांच छः सात आठ नौ
दस ग्यारह
बारह तेरह आते हैं। 
बस सफलताओं का यह सिलसिला तीन से आगे भी जारी रहे। 
 
प्रश्न: दद्दू जी, सफल अवतरण के बाद प्रज्ञान रोवर को चांद पर पानी मिलने की संभावना कितनी हो सकती है।
उत्तर : देखिए चांद पर पानी न भी हुआ तो भारतवासी लेंडर तथा रोवर से गले मिलते हुए उसकी आंखों से भी अश्रुधारा बह निकली होगी। प्यार और दोस्ती के लिए उतना पानी भी पर्याप्त और आल्हादकारी होगा। 
 
प्रश्न : दद्दू जी, विश्व की जानी मानी स्पेस एजेंसियों ने भारत तथा इसरो के लिए बधाई संदेश भेजे हैं। आप क्या कहेंगे इस बारे में। 
उत्तर : देखिए विज्ञान की मदद से जब कोई देश किसी विनाशकारी हथियार का निर्माण करता है तो द्वेष और शत्रुता उत्पन्न होती है। पर जब एक देश मानव हित के लिए विज्ञान का उपयोग करते हुआ अपने कदम बढ़ाता है तो दुनिया उसकी हमकदम हो जाती है। विज्ञान का यही रूप सत्यम शिवम सुंदरम है। 
 
प्रश्न: दद्दू जी, हमारे पड़ोसी पाकिस्तान भारत की इस सफलता को किस तरह देखेगा।
उत्तर : इस पूरे चंद्रयान-3 मिशन के दौरान पाकिस्तान की युवा पीढ़ी ने खुले दिल से भारत और मोदीजी के नेतृत्व की तारीफ की। उन्हें इस बात का अहसास है, जिसे उन्होंने माइक के सामने जाहिर भी किया, कि पाकिस्तान अपने आकाओं की गलत नीतियों की वजह से वांछित प्रगति न कर सका। चांद को छूने जैसी उपलब्धियां तो दूर पाकवासी भोजन पानी के लिए भी तरस रहे हैं। एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब पाक की यह पढ़ी लिखी जागरूक पीढ़ी शत्रुता, युद्ध और आतंकवाद पोषण के स्थान पर भारत की ओर प्यार और दोस्ती का हाथ बढ़ाएगी। यदि पहले ऐसा होता तो भारत और पाक मिलकर कब से विश्व की सर्वोच्च महाशक्ति बन चुके होते। 
 
प्रश्न: दद्दू जी, मजाक के लिए एक प्रश्न है कि देश के विपक्षी दल क्या इस सफलता के अधिक प्रमाण मांगेंगे। 
उत्तर: भारत ने चांद पर मोहब्बत की दुकान खोली है। और मोहब्बत की दुकान तो विपक्ष का भी लक्ष्य और नारा है। मोहब्बत की इस दुकान ने किसी अविश्वास की गुंजाइश नहीं छोड़ी है। इस सफलता ने पूरे देश को एक कर दिया है।

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