उत्तर : अनुमान है ना। बिलकुल है। ट्रायल कोर्ट के जज के मन में सवाल उठ रहा होगा कि यदि कम सजा दी होती और सरकार अपील करती तो सुप्रीम माननीय यह भी पूछ सकते थे कि अधिकतम सजा क्यों नहीं दी गई। इस दुविधा का बस एक ही हल है कि सुप्रीम नेताओं, अभिनेताओं, उद्योगपतियों जिनकी कूवत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की है, उनके मामले सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुने जाएं। जनता और देश का बहुत भला होगा।