दद्दू का दरबार: खतरे में संविधान

एमके सांघी

शनिवार, 4 मई 2024 (14:45 IST)
प्रश्न : दद्दू जी, क्या लोकतंत्र और देश का संविधान खतरे में है।
 
उत्तर : देखिए इतिहास गवाह है कि दुनिया के सभी राजतंत्र खतरों के बीच पले-बढ़े, मरे और मिटे हैं। यहां तक कि तानाशाहियां भी समय के साथ समाप्त होकर इतिहास का हिस्सा बनी हैं। तो फिर यही खतरा लोकतंत्र और संविधान पर भी हमेशा बना रहेगा। बताइए खेत को बागड़ से होने वाला संभावित खतरा दुनिया से कभी खत्म हो सकता है।

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