बचपन के वो दिन ..

बचपन की यादें ताजा करतीं ये पंक्तियां, जिनसे हमारे चेहरे पर छा जाती थी मुस्कान .. 
जिन्हें हम दिल से गाते गुनगुनाते थे, और खेल खेलते थे, तो आइए यादें ताज़ा कर लीजिये ... 
 
मछली 
मछली जल की रानी है,जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जायेगी, बाहर निकालो मर जायेगी।
 
 
पोशम्पा भाई पोशम्पा
चाय की पत्ती पोशम्, सौ रुपये की घड़ी चुराई।
अब तो जेल मे जाना पड़ेगा,जेल की रोटी खानी पड़ेगी,
जेल का पानी पीना पड़ेगा, थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश।
 
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आलू-कचालू 
आलू-कचालू बेटा कहां गये थे, बन्दर की झोपड़ी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे, मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।
 
सोमवार 
आज सोमवार है, चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास, डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई... 

झूठ बोलना 
झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी, तुमको उठा ले जायेगी।
 
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चन्दा मामा 
चन्दा मामा दूर के, पूए पकाये भूर के।
आप खाएं थाली मे, मुन्ने को दे प्याली में।
 
तितली उड़ी
तितली उड़ी, बस मे चढी, सीट ना मिली,
तो रोने लगी, ड्राईवर बोला,आजा मेरे पास,
तितली बोली हट बदमाश 
 
मोटू सेठ
मोटू सेठ, पलंग पर लेट ,
गाड़ी आई, फट गया पेट
 

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