3. रिश्तेदारों से पीछा छुड़ाना : रिज़ल्ट का दौर सिर पर है। एक के एक बाद आपने इग्ज़ाम दी और रिश्तेदारों का तो चैन ही खत्म हो गया। आपका रिजल्ट जानना उनकी ज़िंदगी का आखिरी मकसद बन गया। ये तो घर ही आ धमके तो अब तो मोबाइल हाथ में लिए उनके ठीक सामने से आप बात करते हुए निकल गए। बेकार के सवालों से बचने का इससे अच्छा रास्ता नहीं मिलेगा।