Ganesh Visarjan 2025: अनंत चतुर्दशी और गणेश उत्सव के अंतिम दिन का नैवेद्य और मंत्र, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

WD Feature Desk

शनिवार, 6 सितम्बर 2025 (09:55 IST)
Lord Ganesh Visarjan 2025: इन दिनों श्रीगणेश पूजा के खास दिन चल रहे हैं और इस समय भगवान श्रीगणेश का पूजन मध्यान्हकाल, अभिजीत मुहूर्त और प्रदोष काल में किया जाता है। आज गणेश विसर्जन तथा गणेशोत्सव पूजन का अंतिम दिन है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को विदा करते समय गणपति जी को बूंदी के लड्‍डू अथवा मोदक का भोग लगाएं।ALSO READ: Ganesh Visarjan 2025: गणपति विसर्जन के दिन जरूर करें ये दान, बप्पा के आशीर्वाद से साल भर रहेगी बरकत
 
आइए इस लेख के माध्यम से यहां जानते हैं गणेशोत्सव के अंतिम दिन के पूजा के मुहूर्त, मंत्र और नैवेद्य के बारे में जानकारी...
 
06 सितंबर 2025, शनिवार:
1. दिन में 11:54 से 12:44 बजे के बीच।
2. शाम को 6:37 से रात 7:45 के बीच।
 
गणेश विसर्जन मंत्र- 
सामान्य गणेश विसर्जन मंत्र: यह सबसे सरल और आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मंत्र है।
'ॐ गं गणपतये नमः।'
 
क्षमा याचना मंत्र : विसर्जन के बाद यह मंत्र पढ़ना भी महत्वपूर्ण है। यह पूजा के दौरान हुई किसी भी भूल या त्रुटि के लिए क्षमा मांगने के लिए है।
 
'आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥'
अर्थात् : हे परमेश्वर! मैं न तो आपका आवाहन करना जानता हूं और न ही विसर्जन करना। मुझे पूजा-पाठ का भी ज्ञान नहीं है, इसलिए हे प्रभु! मुझे क्षमा करें। 
 
इन मंत्रों का जाप करते हुए आप पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर सकते हैं।
 
बूंदी के लड्‍डू  
बूंदी के लड्‍डू एक बहुत ही लोकप्रिय और स्वादिष्ट भारतीय मिठाई है, जो हर त्योहार और शुभ अवसर पर बनाई जाती है। ये लड्डू मीठे, रसीले और मुंह में घुल जाने वाले होते हैं। यहां बूंदी के लड्‍डू बनाने की एक सरल और पारंपरिक विधि दी गई है।
 
• बूंदी के लिए सामग्री:
बेसन: 1 कप
पानी: 3/4 कप
घी या तेल: तलने के लिए
• चाशनी के लिए:
चीनी: 1.5 कप
पानी: 1 कप
इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच
केसर के धागे: 5-6 (वैकल्पिक)
• अन्य सामग्री:
पिस्ता और बादाम: 1 बड़ा चम्मच (कटा हुआ)
खरबूजे के बीज: 1 बड़ा चम्मच
घी: 1 चम्मच
 
बनाने की विधि
1. बेसन का घोल बनाएं: एक बड़े कटोरे में बेसन लें और धीरे-धीरे पानी मिलाते हुए एक चिकना, बिना गांठ वाला घोल तैयार करें। घोल की कंसिस्टेंसी ऐसी होनी चाहिए कि वह कलछी से टपके। इसे 15 मिनट के लिए ढंककर रख दें।
 
2. बूंदी तलें: एक कढ़ाई में घी या तेल गरम करें। एक छेद वाली कलछी (झारा) को कढ़ाई के ठीक ऊपर रखें। अब बेसन का घोल कलछी पर डालें और चम्मच से हल्का फैलाएं। घोल की बूंदें अपने आप तेल में गिरकर गोल बूंदी का आकार ले लेंगी। बूंदी को मध्यम आंच पर तब तक तलें जब तक वह हल्की सुनहरी और कुरकुरी न हो जाए। बूंदी को एक छन्नी में निकालकर अतिरिक्त तेल निकाल दें। इसी तरह पूरे घोल की बूंदी बना लें।ALSO READ: Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण के समय करें इन सिद्ध मंत्रों का जाप, संकट होंगे दूर, खुल जाएगा किस्मत का ताला
 
3. चाशनी बनाएं: एक पैन में चीनी और पानी डालकर मध्यम आंच पर रखें। इसे तब तक गरम करें जब तक कि चीनी पूरी तरह से घुल न जाए। अब चाशनी को 4-5 मिनट तक पकाएं, जब तक यह एक तार की न हो जाए। आंच बंद कर दें और इसमें इलायची पाउडर और केसर डालें।
 
4. बूंदी को चाशनी में मिलाएं: अब तैयार बूंदी को गरम चाशनी में डालें। इसमें भुने हुए सूखे मेवे और खरबूजे के बीज भी डाल दें। मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और 15-20 मिनट के लिए ढंककर रख दें, ताकि बूंदी चाशनी को सोखकर नरम हो जाए।
 
5. लड्‍डू बनाएं: जब मिश्रण थोड़ा ठंडा होकर हाथ लगाने लायक हो जाए, तो हाथ पर थोड़ा घी लगाकर मिश्रण को थोड़ा-थोड़ा लेकर गोल-गोल लड्‍डू बनाएं। लड्‍डू बनाते समय उन्हें थोड़ा दबाकर बांधें।
 
आपके स्वादिष्ट बूंदी के लड्‍डू तैयार हैं। आप इन्हें गणेश विसर्जन के समय में भोग लगाने और मेहमानों को प्रसाद देने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
 
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