Ganesh Chaturthi 2025: श्री गणेश विसर्जन के पीछे की कहानी क्या है?

WD Feature Desk

सोमवार, 1 सितम्बर 2025 (08:12 IST)
Story of Ganesh Visarjan: हिंदू माह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी की जयंती मनाई जाती है। इसी दिन से 10 दिवसीय गणेश उत्सव प्रारंभ होते हैं। हालांकि घरों में कुछ लोग डेढ़ दिन, कुछ 3 दिन, कुछ 5 दिन और अधिकतर 10 दिनों तक गणेशजी की स्थापना करने के बाद विसर्जन करते हैं। आओ जानते हैं श्री गणेश विसर्जन से जुड़ी कथा कहानी और मंत्र।
 
गणेश विसर्जन का मंत्र- ganesh visarjan ka mantra: 
श्री गणेश विसर्जन मंत्र 1 
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
 
श्री गणेश विसर्जन मंत्र 2 
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥
 
गणेश विसर्जन की कथा कहानी- ganesh visarjan ki Katha kahani kya hai:
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार श्री वेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी जिसे श्री गणेश जी ने अक्षरश: लिखा था। 10 दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोली तो पाया कि 10 दिन की अथक मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत अधिक हो गया है। तुरंत वेद व्यास जी ने गणेश जी को निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडा किया था। इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है।ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: इस मुहूर्त में, इस मंत्र और विधि से करें गणेश स्थापना तो होगा बहुत शुभ
 
इसी कथा में यह भी वर्णित है कि श्री गणपति जी के शरीर का तापमान ना बढ़े इसलिए वेद व्यास जी ने उनके शरीर पर सुगंधित सौंधी माटी का लेप किया। यह लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई। माटी झरने भी लगी। तब उन्हें शीतल सरोवर में ले जाकर पानी में उतारा। इस बीच वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक श्री गणेश को मनपसंद आहार अर्पित किए तभी से प्रतीकात्मक रूप से श्री गणेश प्रतिमा का स्थापन और विसर्जन किया जाता है और 10 दिनों तक उन्हें सुस्वादु आहार चढ़ाने की भी प्रथा है।  

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