पुराणों में गणेश जी के जन्म से संबंधित कथाएं विभिन्न रूपों में प्राप्त होती हैं।
इस संबंध में शिवपुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग पुराण, स्कंद पुराण, पद्म पुराण, गणेश पुराण, मुद्गल पुराण एवं अन्य ग्रंथों में विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। कथाओं में भिन्नता हाने के बाद भी यह कहा जाता है कि शिव-पार्वती के माध्यम से ही इनका अवतार हुआ है।
अतः यह शंका निर्मूल है कि शिव विवाह में गणपति पूजन कैसे हुआ।
जिस प्रकार भगवान विष्णु अनादि हैं एवं राम,कृष्ण,वामन आदि अनेक अवतार हैं उसी प्रकार गणेश जी भी महागणपति के अवतार हैं। गणेश जी की उपासना तंत्र शास्त्र के आचार्यों ने सभी मंगल कार्यों के प्रारंभ में गणपति पूजन का निर्देश दिया है।