वैसे तो कई जातक इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं, लेकिन कभी-कभी गलती से भी चंद्रदर्शन हो जाता है। अगर भूल से चन्द्र दर्शन हो जाए, तो इसके लिए हमारे ग्रंथों में दोषमुक्ति के लिए उपाय भी है। श्रीमद्भागवत के दसवें स्कन्द के 57वें अध्याय का पाठ करने से भी चन्द्र दर्शन का दोष समाप्त हो जाता है। इसके अलावा दोष के निवारण के लिए नीचे लिखे मंत्र का पाठ करें।
सिंहःप्रसेनमवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।