गणेश चतुर्थी या बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद नदी के किनारे जाकर वहां से साफ मिट्टी लेकर आएं। उस मिट्टी को छानकर एवं शुद्ध जल मिलाकर एक आठ वर्षीय बालिका से उस मिट्टी में गंगाजल, केसर व पवित्र चन्दन जल डालकर आटे जैसा गूंथवा लें एवं फिर स्वयं उस मिट्टी से एक गणेशजी की मूर्ति का निर्माण करें।