गणगौर माता के दरबार में हाजिरी देने के समय उखाणे / उखाने बोले जाते हैं। पूजा करने वाली महिलाएं एक-एक करके माता के सामने अपने पल्लू के कोने को कलश के पानी में डुबो कर माता जी के मुख को छुआती हुई इन उखाणे का उच्चारण करतीं हैं जिनमें उनके पति का नाम बोलना होता है।
सामान्यतः ये दो या चार पंक्तियों के होते हैं, ये अपनी अपनी बोली, भाषा में बना कर भी बोले जाते हैं। पर अब इनका स्वरूप मिश्रित भाषा भी हो चला है। आइए जानें आज के दौर के 21 उखाणे....
1. भारत ने संसार को दी अनमोल भेंट जीरो,
(पति का नाम) इज माय फेवरेट हीरो.
2. गहनों में गहना, गहना काली पोत,
(पति) जी मेरे जीवन की ज्योत.
3. विकास के लिए जरुरी है पक्की सड़क,
मां के सामने लेती हूं (पति) नाम बेधड़क
4. प्लेट में प्लेट, प्लेट में केक,
मेरे (पति) करोड़ों में एक.
5. सागर में सरिता, दीप में ज्योति,
(पति) मेरे अनमोल मोती.
6. छम छम बाजे मेरी झांझरिया,
(पति) जी मेरे सांवरिया.
7. सिल्वर कॉइन, गोल्डन रिंग,
(पति) इज माय डियर किंग.
8. फोर प्लस फाईव इज इक्वल टू नाइन,
(पति) इज ओनली माईन.
9. फागुन का त्यौहार, होली की बहार,
(पति) के साथ मनाऊं मैं तो गणगौर का त्यौहार.
10. धन से न दौलत से, घर से न द्वार से
सांसों की डोर बंधी है (पति) के प्यार से.
11. राधा ने माला जपी श्याम की
मैनें ओढ़ी चुनरिया (पति) के नाम की.
12. चलती है साईकिल उड़ती है धूल,
(पति) जी म्हारा गुलाब का फूल.
13. सोने की थाली, थाली में गुड़धानी,
(पति) जी म्हारा राजा अन हूं उनकी रानी.
14 . भगवन की कृपा है, खुशियों की तरंग है,
जिंदगी की शान तो (पति) के संग है.
15 . माता जी की लीला है, सुंदर सा यह मेल है,
(पति) का दिल ही हमारी प्यारी जेल है.
16. रंग यही है स्वाद यही है, मेरी तो फरियाद यही है,