वाराणसी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपनी संकरी गलियों के लिए पहचाने जाने वाले मंदिरों के इस शहर में अप्रत्याशित रूप से कुछ देर खुद वाहन चलाया। मोदी को गाड़ी चलाते देखने के लिए लोगों के कदम ठहर गए और शहर का चक्काजाम हो गया।
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नजदीकी रोहनिया में एक रैली को संबोधित करने के बाद मोदी एक हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हेलिपैड पर उतरे। उसके बाद वह शहर के केंद्र में स्थित सिगरा इलाके में पार्टी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय की दिशा में वाहन चलाते हुए आगे बढ़े।
आम तौर पर वाराणसी में धीमा यातायात होने के बावजूद इतनी दूरी तय करने में आधा घंटे से कम समय लगता है लेकिन उनकी यात्रा पांच घंटे से अधिक समय तक जारी रही क्योंकि उनके समर्थकों की भारी भीड़ सड़कों पर जुट गई। इससे उनके वाहनों का काफिला और समूचा मार्ग ठहर गया।
अगले पन्ने पर... फिर लगे हर-हर मोदी के नारे...
मोदी की यात्रा के दौरान फिर से उनके समर्थकों ने रैली स्थल, उनकी यात्रा के मार्ग के दौरान और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के दौरान 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी' का विवादास्पद नारा लगाया।
मोदी ने इससे पहले अपने समर्थकों से 'हर-हर मोदी' का नारा नहीं लगाने का अनुरोध किया था। यह नारा हर-हर महादेव' से प्रेरित है। वाराणसी में आम तौर पर हर-हर महादेव का इस्तेमाल अभिवादन और भगवान शिव की प्रार्थना में किया जाता है।
यह मोदी का अंतिम कार्यक्रम हो सकता है। इसमें हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करने से पहले उनका कुछ समय के लिए चुनाव कार्यालय में ठहरना भी शामिल है। वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है और वहां चुनाव प्रचार 10 मई को समाप्त होगा। (भाषा)