बनारस। अरविन्द केजरीवाल तो सत्ता के लिए अपने बच्चों की झूठी सौगंध भी खा सकते हैं, उनसे यह अपेक्षा रखना व्यर्थ है कि वे सत्य के लिए प्रतिबद्ध होंगे। वे कुछ भी कह सकते हैं, उनका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं होता। गैस की कीमतों के बारे में भी वे लोगों को भ्रमित ही कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक के साथ विस्तृत बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता भ्रम फैलाने का काम करते हैं। गैस की कीमतों को लेकर भी वे पूरे देश को भ्रमित कर रहे हैं। घर में एलपीजी से ही चूल्हा जलता है और यह गैस बाहर से ही आती है। ऐसे में यदि वे लोगों से कहते हैं कि आपका चूल्हा महंगा हो जाएगा तो वे झूठ बोलते हैं।
जब नलिन कोहली से पूछा गया कि नरेन्द्र मोदी तो विकास की बातें करते हैं, लेकिन केजरीवाल उन पर कॉर्पोरेट लॉबिंग का आरोप लगाते हैं, ऐसा क्यों? केजरीवालजी को हमें बधाई देना चाहिए, तीन दिन की गुजरात यात्रा के दौरान उनका अद्भुत विकास हुआ। उन्हें न केवल बड़ी गाड़ी में चलने का अवसर मिला, बल्कि एक प्राइवेट प्लेन में वे दिल्ली आए। दरअसल, केजरीवाल यदि मोदी का इतना नाम नहीं लेते तो उन्हें मीडिया में इतना स्पेस ही नहीं मिलता। जहां तक मोदी और अडानी के रिश्ते को लेकर केजरीवाल की बात है तो वे किसी का भी नाम नहीं ले सकते।
दूसरी बात यह है कि केजरीवालजी को कॉर्पोरेट लॉबिंग तब खराब नहीं लगती जब वे मर्सिडीज बेंज या बड़ी गाड़ी में खुद बैठते हैं। उनको कॉर्पोरेट लॉबिंग तब खराब नहीं लगती जब प्राइवेट जेट से उड़ान भरते हैं। उनकी कथनी और करनी में काफी अंतर है। वो कहते हैं मुझे स्वराज चाहिए, आखिर कैसा स्वराज चाहते हैं वे? सोमनाथ भारती जैसा स्वराज चाहिए, जिसमें वे विदेशी महिलाओं के साथ जबर्दस्ती कर सकते हैं, इसकी पुलिस रिपोर्ट भी है। उनको ऐसा स्वराज चाहिए कि जबर्दस्ती किसी के दफ्तर में जा सकते हैं, जेटलीजी के घर में जबर्दस्ती जा सकते हैं, बीजेपी कार्यालय में जबर्दस्ती घुस सकते हैं। उनको स्वराज चाहिए कि वो रोज सुबह छपने के लिए किसी पर भी आरोप लगा दें। उन्ही के लोग उन पर आरोप लगा रहे हैं। राखी बिड़ला जो उनकी मंत्री थी, उन पर सात लाख मांगने का आरोप है, क्या हुआ? कहां है इंटरनल इन्क्वायरी, जिसके लिए उन्होंने कहा हम करेंगे। क्यों ये इस बात को नहीं स्वीकारते कि इन्होंने फॉरेन फंडिंग ली है।
गैस पर भाजपा की प्राइसिंग पॉलिसी भी बहुत क्लियर नहीं है? गैस की कीमतें पहले ढाई डॉलर पर तय हुई थीं, फिर चार डॉलर हो गई और अब आठ डॉलर करना चाहते हैं? पहले यह देखना चाहिए कि यशवंत सिन्हा ने स्टैंडिंग कमेटी में क्या लिखा हुआ है। रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट में क्या लिखा हुआ है। केजरीवाल ने 400 पेजों के डॉक्यूमेंट का उल्लेख किया था। शीला दीक्षित के विरुद्ध बोले थे कि जेल में जाएंगी शीला और उनका पूरा मंत्रिमंडल। ये उन्होंने दिल्ली चुनाव से पहले लगातार बोला, रोज बोला, क्या हुआ, जब सत्ता में गए शीलाजी का नाम भी नहीं लिया। फिर 400 पेज जो उनकी वेबसाइट पर थे, उतर गए।
सत्ता में आने पर भाजपा की गैस पर क्या पॉलिसी रहेगी? इस पर कोहली ने कहा कि बहुत स्पष्ट है, इस पर जवाब तभी दिया जा सकता है जब सरकार होगी और सारे तथ्य उसके सामने होंगे, फाइल सामने होगी, सारी चीजें उनके सामने होंगी। अभी से कैसे कह सकते हैं। केजरीवाल की तरह थोड़े ही हैं, जो बच्चों की झूठी कसम खाकर यू टर्न ले सकते हैं। हमें छपने की बीमारी नहीं है, हमें काम करने की बीमारी है।
क्या केजरीवाल का बनारस में कुछ असर होगा या फिर वे आपके वोटों को प्रभावित कर पाएंगे? नलिन कोहली कहते हैं कि केजरीवाल कहीं से भी लड़ सकते हैं। मोदी के खिलाफ कौन लड़ने वाला है हम इसको सोचकर रणनीति नहीं बनाते हैं। मोदीजी देश में विकास और बदलाव के प्रतीक हैं। हम अपना चुनाव सकारात्मक तरीके से लड़ेंगे।
जसोदा बेन मामले में कांग्रेस के आरोपों पर नलिन ने कहा कि कांग्रेस के पास जवाबदेही के लिए कुछ है ही नहीं। देश में विषय क्या है महंगाई, भ्रष्टचार, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, महिला सुरक्षा, किसानों की दुदर्शा समेत कई और भी मुद्दे हैं, लेकिन मूल रूप से ये छह मुद्दे हैं। दस साल के शासनकाल के बाद जवाबदेही का समय आ रहा है तो कांग्रेस इन मुद्दों से हटकर अन्य मुद्दों पर जाने का प्रयास कर रही है, उनमें पहला मुद्दा वह रख रही है सांप्रदायिकता, उस पर चुनाव लड़ा नहीं जा रहा है। दूसरा ये व्यक्तिगत टिप्पणियां रोज करते हैं। 40-45 साल पहले 18 साल से कम आयु में विवाह हुआ, उसी के चंद महीनों के भीतर नरेन्द्र मोदी हिमालय चले गए। प्रधानमंत्री ने भी अपने नॉमिनेशन फॉर्म में मई 2013 में अपनी पत्नी का नाम नहीं लिखा था। ये भी आपके सामने उदाहरण है। वे तो देश के प्रधानमंत्री हैं।
बनारस में चुनावी रणनीति पर कोहली ने कहा कि हम सिर्फ विकास की बात कर रहे हैं। अजय राय के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी के चुनाव लड़ने न लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता। दंगों की बात आती है तो कोहली मुजफ्फरनगर दंगों का उल्लेख करते हैं साथ ही कहते हैं कि 1965 से लेकर 2002 तक गुजरात में हर वर्ष दंगे होते रहे हैं। घोषणा पत्र मामले में मोदी और मुरली मनोहर जोशी के टकराव का बात से भी वे साफ इनकार करते हैं।
नलिन कहते हैं कि इस मेनिफेस्टो में स्पष्ट क्या लिखा है एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सबका साथ, सबका विकास। मोदीजी ने तीन बातें कही। उन्होंने विकास की बात कही साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपने स्वार्थ के लिए या व्यक्तिगत फायदे के लिए कुछ नहीं करूंगा। मैं बदभावना से काम नहीं करूंगा। मेनिफेस्टो और उससे जुड़ा जो संदेश है, अतिमहत्वपूर्ण है।
राम मंदिर और हिन्दुत्व के मुद्दे पर मोदी द्वारा न बोले जाने के प्रश्न पर कोहली कहते हैं कि पूरी दुनिया कह रही है कि मोदी सांप्रदायिक हैं, लेकिन उनकी भाषा और जुबान पर एक ही बात आती है, वह है विकास की भाषा। मोदी के भाषणों में तथ्यात्मक गलती को वे सामान्य बात मानते हैं। इतने दिन से बोल रहे हैं, गलती हो जाती है। राहुल समेत दूसरे नेता भी इस तरह की गलती कर जाते हैं।
कोहली कहते हैं कि पार्टी का मिशन अब 272 से बढ़कर 300 हो गया है। आज 25 से ज्यादा पार्टियां एनडीए में शामिल हैं। आज सारे सर्वे दिखाते हैं हमारा बढ़ता हुआ ग्राफ। अलग-अलग चैनल, अलग-अलग सर्वे कोई 230 बताता है, कोई 235 बताता है। हम मानते हैं कि भाजपा-एनडीए की सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ बनेगी।