आगामी लोकसभा चुनाव ‘इलेक्शन फॉर होप’ : मोदी

सोमवार, 31 मार्च 2014 (20:49 IST)
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को ‘इलेक्शन फॉर होप’ बताते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है और यह चुनाव नकारात्मकता का नहीं, बल्कि आशा का चुनाव है।

मोदी ने कहा, ‘ये चुनाव आप देखिए, सिर्फ नकारात्मकता का चुनाव नहीं है, आशा का चुनाव है। ‘इलेक्शन फार होप’। ए हिन्दुस्तान की राजनीति में पहली बार हुआ है।’ उन्होंने अपने आपको ‘नायक’ नहीं मानते हुए इस आरोप को झूठ बताया कि वह दूसरों को साथ लेकर नहीं चलते और अकेले निर्णय करते हैं।

मोदी ने कहा कि जिस तरह उनके रहन सहन और कपडों को लेकर झूठ फैलाया गया है, वैसे ही ए (अकेले निर्णय करने का) दूसरा झूठ है। उन्होंने कहा, ‘मुझ पर कोई गंभीर आरोप तो लगा नहीं पा रहे हैं तो हल्का-फुल्का ही आरोप चलाते रहते हैं।’

मोदी ने ईटीवी को दिए इंटरव्यू में एक टीम के रूप में काम करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इतना बडा गुजरात, जिसमें जो बदलाव आए, क्या कोई एक आदमी ला सकता है? बिना टीम कभी कोई सफल नहीं होता और ‘मेरे यहां आज भी मैं कहता हूं ..टीम गुजरात। टीम के बिना सफल नहीं हुआ जाता।’

सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मेरी सफलता का कारण है...मैं सबसे राय मशविरा करता हूं। हां, एक बार सबकी राय बन जाए तो फैसले के कार्यान्वयन के लिए मैं पूरी शक्ति लगा देता हूं। मोदी की पहचान कार्यान्वयन की है। यही तो मेरी पहचान है।’

कांग्रेस मुक्त भारत की अपनी मुहिम के बारे में मोदी ने कहा, ‘जब मैं कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं, तब मैं पिछले 60 साल में कांग्रेस ने राजनीति में जिस कार्य संस्कृति को पनपाया है, उस कार्य संस्कृति से मुक्ति की बात करता हूं। कांग्रेस ने वोट बैंक की जो राजनीति की है और उसे सत्ता को हथियाने का साधन बना दिया है, मैं उससे मुक्ति की बात करता हूं।’

ये पूछने पर कि पिछले 60 साल में दो तीन अवसरों पर पहले भी कांग्रेस मुक्त भारत हुआ है? मोदी ने कहा कि यह एकदम शत-प्रतिशत सही है लेकिन देश में जितनी भी (ऐसी) सरकारें बनीं, अटल जी की सरकार को छोड़कर उसके सारे मुखिया ‘कांग्रेस गोत्र’ के ही थे। वे कांग्रेस में ही पले बढ़े थे। कांग्रेस में ही पैदा हुए थे लेकिन राजनीतिक कारणों से या वैयक्तिक द्वेष के चलते कांग्रेस से निकले थे।

संप्रग शासन के दौरान जनता में कथित अविश्वास पैदा होने के उनके दावों को लेकर जब सवाल किया गया कि उनमें विश्वास क्यों किया जाए, तो मोदी ने कहा, ‘लोग मोदी को भलीभांति जानते हैं। लोग अटल जी की सरकार के माध्यम से, भाजपा की सरकारें कैसी चलती हैं, वो भी अब जानते हैं। लोगों को कांग्रेस शासन और राजग शासन में क्या अंतर है, अब भलीभांति समझ आता है।’

आगामी लोकसभा चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर बदल देने के आरोप पर मोदी ने कहा कि पहली बात तो ए कि ‘मैं अपने आपको नायक नहीं मानता हूं और न ही मैं इस दिशा में सोचता हूं। मेरी एक प्रतिबद्धता है। हमारी प्राथमिकताओं में देश का गरीब, देश का नौजवान और असुरक्षा महसूस कर रही माताएं बहनें हैं। हमारा किसान है और हमारी सीमा पर बैठा जवान है।’

इस सवाल पर कि दूसरी पार्टियों से वह अपने आपको किस तरह अलग मानते हैं? उन्होंने कहा कि उनकी (अन्य पार्टियों की) योजनाएं वोट बैंक की राजनीति की योजनाएं हैं। वे सारी योजनाएं वोट बैंक की राजनीति को ध्यान में रखकर तैयार करते हैं। वो सरकार चलाते हैं केवल चुनाव जीतने के लिए। हम सरकार चलाना चाहते हैं जनता जनार्दन की शक्ति बढ़ाने के लिए। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें