अच्छे दिन तो 'ऐसे' आएंगे..!

मंगलवार, 13 मई 2014 (16:55 IST)
भाई साहब! एक्जिट पोल की बधाई, अच्छे दिन आने वाले हैं। जैसे ही एक्जिट पोल के नतीजे टीवी पर सामने आए और उसमें यह रुझान दिखाई दिया कि केन्द्र में भाजपा नीत राजग की सरकार बनने जा रही है और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, मोदी के प्रशंसकों के बीच कुछ ऐसी ही बधाइयों का सिलसिला चल पड़ा।

मगर लाख टके सवाल यह है कि क्या नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या वाकई अच्छे दिन आ जाएंगे? क्या हम दिन-रात जिन समस्याओं से जूझते हैं वे मोदी के आने के बाद चुटकी बजाते ही हल हो जाएंगी? दरअसल, कुछ समस्याएं तो ऐसी हैं, जो स्वयं हमने ही पैदा की हैं और उनका हल भी हम ही निकाल सकते हैं। लेकिन, हमें उम्मीद मोदी से है कि उनकी आते ही अच्छे दिन आ जाएंगे और बुरे दिन बीती बात यानी 'पुरानी सरकार' की तरह होंगे।

इसमें कोई संदेह नहीं कि नई सरकार से हमारी उम्मीदें होनी चाहिए। नए नेता से अपेक्षाएं होना कोई गलत बात भी नहीं क्योंकि हमने उसे चुना है। इस नाते उसकी जिम्मेदारी भी बनती है हमारे प्रति। लेकिन, कुछ चीजें तो ऐसी जो हम अपने स्तर पर भी सुधार सकते हैं।

क्या हम इन 'अच्छे दिनों' के लिए मोदी का इंतजार कर रहे हैं... पढ़ें अगले पेज पर...



क्या हम प्रधानमंत्री पद पर नरेन्द्र मोदी का ‍इसलिए इंतजार कर रहे हैं....

* क्या हम नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ट्रैफिक सिगनल तोड़ना बंद कर देंगे। ...और इससे होने वाली समस्याओं से लोगों को निजात मिल जाएगी।

* क्या पुरुष सिटी बस और अन्य स्थानों पर महिला सीटों पर बैठना बंद कर देंगे, जिसमें वे कभी-कभी अपनी शान भी समझते हैं।

* क्या हम सड़क पर कचरा फेंकना बंद कर देंगे या फिर दूसरों को ऐसा करने से रोक पाएंगे? या फिर कॉलोनी में रखी कचरा कोठी के होते हुए भी हम उसके बाहर कचरा फेंकना जारी रखेंगे।

* क्या हम अपने फायदे के लिए गैरकानूनी तरीके से रेल में सीट हासिल करने के लिए टीटी को पैसा देना बंद कर देंगे।

* या फिर हम विकलांगों, बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं की परवाह किए बिना लाइन तोड़कर टिकट लेना छोड़ देंगे, बिल भरना छोड़ देंगे।

* ट्रॉफिक नियम तोड़ते हुए पकड़े जाने पर हम 500 रसीद कटवाना पसंद करेंगे या फिर पुलिस वाले के हाथ में 50 रुपए देकर वहां खिसक लेने में अपनी बेहतरी समझेंगे।

* क्या लोग नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने मात्र से इनकम टैक्स की चोरी करना बंद कर देंगे या फिर सेल्स टैक्स ईमानदारी से भरना शुरू कर देंगे।

ऐसे और भी कई 'क्या' हो सकते हैं, वह हम भी जानते हैं और आप भी, जिनका जवाब हमारे पास नहीं है या फिर कहें कि हम इनका जवाब देना ही नहीं चाहते। दरअसल, हम सुविधाभोगी हो गए हैं और हर हाल में खुद का ही भला देखना चाहते हैं फिर भले दूसरे का नुकसान क्यों न हो। ऐसे में अच्छे दिन कैसे आएंगे और क्या कर लेंगे नरेन्द्र मोदी या फिर क्या कर लिया डॉ. मनमोहनसिंह ने।

यदि अच्छे दिन लाना है तो... पढ़ें अगले पेज पर....


इसमें कोई शक नहीं कि नरेन्द्र मोदी को लेकर पूरे देश को काफी उम्मीदें हैं। हों भी क्यों नहीं। मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान देशवासियों के लिए उम्मीदों का आसमान जो खड़ा कर दिया।

उन्होंने गुजरात का विकास मॉडल सामने रखकर लोगों को सपने दिखाए। उन्होंने महंगाई घटाने के लिए लोगों को उम्मीदें दीं, बनारस में उन्होंने गंगा को साबरमती से भी उजला बनाने का संकल्प जताया, वहां के बुनकरों का जीवन एक साल में बदलने का दावा किया... और भी न जाने क्या क्या।

लेकिन, छोटी-छोटी बातें यदि नरेन्द्र मोदी के आने से ठीक होती हैं तो भी इसमें कोई बुराई नहीं है। हालांकि ये तो इनके बिना भी हो सकती हैं। ज्यादा अच्छा हो कि इन छोटी चीजों को हम ठीक करें और नरेन्द्र मोदी के लिए कुछ बड़े काम छोड़ें, जिससे वे देश को विकास के पथ पर आगे ले जा सकें। तभी हम सही अर्थों में कह पाएंगे- 'अच्छे दिन आने वाले हैं'।

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