जानिए समुद्री घोड़े के बारे में

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समुद्री घोड़ा असल में घोड़ा नहीं, बल्कि एक विचित्र प्रकार की मछली है। इसका सिर घोड़े के सिर से मिलता-जुलता है, इसलिए इसका नाम समुद्री घोड़ा पड़ गया। इसका शरीर कड़ा और चिकना होता है तथा पूंछ सांप जैसी होती है। यह अक्सर गर्म समुद्रों के पास समुद्री घास और छोटे-छोटे पौधों के साथ पूंछ की कुंडली बनाकर चिपका रहता है। इसकी अधिकतर आदतें मछलियों से अलग होती हैं।

समुद्र के पानी में बहती हुई किसी चीज को खाते समय भी ये अपनी पूंछ समुद्री घास से चिपकाए रहते हैं। ये सफेद पीले और लाल रंग के होते हैं। इनकी सौ से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनकी लंबाई 2.5 सेमी से 30.5 सेमी तक होती है। ये फिन का इस्तेमाल करते हुए सीधी स्थिति में तैरते हैं।

इसकी दोनों आंखें एक-दूसरे से स्वतंत्र काम करती हैं, नर समुद्री घोड़े के पेट पर कंगारू की तरह थैली होती है। मादा इसी थैली में अंडे देती है। इस थैली में ही अंडों से बच्चे बनते। अंडों से बच्चे बनने में 45 दिन का समय लगता है। इसके बाद नर थैली खोलकर बच्चों को समुद्र में छोड़ देता है। नर समुद्री घोड़ा एक वर्ष में अंडों को तीन बार अपनी थैली में 'से' सकता है।

एक बार में वह इसमें पचास अंडों को रख सकता है। मादा से मिलने के बाद 5 सप्ताह में इसके पेट की थैली में अंडे तैयार हो जाते हैं। समुद्री घोड़ा केवल गर्मियों में ही दिखाई देता है। यह किसी को पता नहीं कि सर्दियों में यह कहां चला जाता है।

यह मछली खाने के काम नहीं आती। समुद्री घोड़े को दूसरी मछलियां भी खाना पसंद नहीं करतीं। इसलिए इसे शत्रुओं का खतरा कम हो जाता है।

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