BSF स्थापना दिवस : जानिए 10 बातें

बुधवार, 1 दिसंबर 2021 (11:38 IST)
देश की सुरक्षा में मुस्तैद वीर सपूत 24 घंटे देश की बॉर्डर पर तैनात रहकर रक्षा करते हैं। इन वीर जवानों को 24 घंटे चौकन्ना रहने की जरूरत होती है। देश की सुरक्षा में कई सुरक्षा बल है जिसमें से एक होते हैं बीएसएफ - बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स यानी सीमा सुरक्षा बल  (BSF-Border Security Force)। 1 दिसंबर 2021 को बीएसएफ 57वीं सालगिरह मना रहा है। देश की रक्षा के लिए ये बीएसएफ प्रथम पंक्ति की का सुरक्षाबल है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा दिया जाता है। इस खास दिवस पर जानते हैं बीएसएफ से जुड़ी 10 खास बातें -

- सबसे पहले बता दें कि भारतीय सेना और बीएसएफ में अंतर होता है। बीएसएफ सुरक्षा बल गृह मंत्रालय में आते हैं। बीएसएफ जवानों को हमेशा सीमा सुरक्षा के लिए तैयार रहना पड़ता है।  

- बीएसएफ की सुरक्षा में तैनात जवानों की भूमिका अलग होती है। उनका मुख्य कार्य होता है सीमा के आसपास असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे अपराधों पर नजर रखना, गैरकानूनी तरीके से सीमा में प्रवेश कर रहे व्यक्तियों पर नजर रखना, सीमा के आसपास नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना।

- बीएसएफ के जवान सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं बल्कि भारतीय सेना युद्ध की तैयारी के लिए खुद को तैयार करते हैं।

- बीएसएफ  जवानों में पोस्‍ट कांस्‍टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी पद होते हैं।

- बीएसएफ सीमा की स्‍थापना पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए की गई थी। 1 दिसंबर 1965  को के. एफ. रुस्तमजी के नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया था।

- बीएसएफ जो देश की अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 24 घंटे तैनाती करते हैं। BSF का आदर्श वाक्य है ''जीवन पर्यन्त कर्तव्य'' है।

- BSF जवानों ने बांग्लादेश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
 
- BSF जवानों ने 1999 में हुए कारगिल यु्द्ध में दुश्‍मन के प्रभावशाली इलाकों में घुसकर उन्‍हें मारा था। इसके लिए भारतीय सेना में शामिल होकर युद्ध किया था।

- संसद  में हुए हमले में BSF जवानों ने मास्टरमाइंड को मार गिराया था। जिसके लिए श्रीनगर में छिपे घाजी बाबा को घेरकर गोलियों से भुन दिया था।

- सीमा सुरक्षाबल से पहले संबंधित राज्‍य की सशस्‍त्र पुलिस तैनात रहती थी। इसका सबसे पहले गठन पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए किया गया था।
 

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