भारत में कश्मीरी पंडित 19 जनवरी को कश्मीर निर्वासन दिवस मना रहे हैं। 30 साल पहले 1990 को भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में आतंकवाद का काला साया छाया जिसकी वजह से कश्मीरी पंडित आज भी अपने हक़ के लिए लड़ रहे हैं।
चलिए जानते है कश्मीर निर्वासन दिवस की 8 बड़ी बातें......
1. 1990 में शुरू हुआ था पलायन
कश्मीर घाटी में 1990 को कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ था जिसमें उन्हें कश्मीर छोड़ने व धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था।
2. 300 कश्मीरी जगहों का नाम परिवर्तन
1980 में शेख अब्दुल्लाह की सरकार के समय करीब 300 कश्मीरी स्थानों का नाम परिवर्तन किया गया।
3. बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित बेघर हुए
कश्मीर पंडित संघर्ष समिति के अनुसार 1990 से 1992 तक लगभग 70,000 से ज़्यादा परिवारों ने कश्मीर घाटी से पलायन किया।
4. मंदिरों को पहुंचाई क्षति
इन दो दशकों में कश्मीर के करीब 208 मंदिरों को क्षति पहुंचाई गई है।
5. अनुच्छेद 370
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाया जो जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था।
6. अनुच्छेद 35A
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के साथ 35A को भी हटाया जो गैर कश्मीरी व्यक्ति को कश्मीर में ज़मीन खरीदने से रोकता है।
7. इंदिरा- शेख समझौता
1984 में इंदिरा शेख समझौते में जम्मू कश्मीर का संचालन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत तय किया गया था।
8. कश्मीर फाइल्स फिल्म
11 मई 2022 को डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री द्वारा 1990 के कश्मीर पलायन की कहानी का सच पूरी जनता के सामने आया।
प्रस्तुति : ईशु शर्मा
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