1. बच्चों को क्रिटिसाइज करना: बच्चों को क्रिटिसाइज करने से उनमें आत्मविश्वास कम होता है। बार-बार उनकी गलतियां बताने से उनमें आत्मविश्वास कम होता है। बच्चों में आत्मसम्मान, मनोदशा और नई चीजों को आज़माने की इच्छा पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। वे अपनी सफलताओं और असफलताओं को अपने चरित्र से जोड़ते हैं। इसलिए आपको अपने बच्चों की ज्यादा आलोचना नहीं करनी चाहिए।
2. उनकी इक्चओं पर कंट्रोल करना: बच्चों की एक्टिविटी पर ज्यादा कंट्रोल उनके आत्मविश्वास को कम करता है। उन्हें स्वतंत्र रूप से चीजों को तलाशने और खोजने के लिए जगह दें। जैसे-जैसे वे बड़े होते जाएंगे आप उनसे अच्छे विकल्प चुनने के बारे में बात कर पाएंगे बिना यह दिखाएं कि आप अपनी महत्वाकांक्षाएं उन पर थोप रहे हैं। उनकी रुचियों का पालन करें और नई गतिविधियों और कौशलों को आज़माने में उनका सपोर्ट करें।
3. बच्चों के काम को खुद करना: यद्यपि आप ज्यादातर चीजें छोटे बच्चों की तुलना में अधिक तेजी से और कुशलता से कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ चीजें खुद करने देने से उनकी स्वतंत्रता और प्रभावकारिता की भावना को बढ़ावा मिलता है। जब आप बच्चे कपड़े पहनने या बर्तन साफ करने जैसा काम खुद ही पूरा कर लेंगे, तो वे अधिक सक्षम और पर्याप्त महसूस करेंगे।
5. ठीक से बात न करना: हेल्दी कम्युनिकेशन एक पॉजिटिव फॅमिली वातावरण बनाता है और भावनात्मक बंधन को मजबूत करता है। आप अपने बच्चों के साथ जिस तरीके और समय पर संवाद करते हैं, उसका उनके आत्म-सम्मान के स्तर पर काफी प्रभाव पड़ता है। भले ही आपके पास कार्यों की लंबी सूची हो फिर भी अपने बच्चों के साथ हेल्दी कम्युनिकेशन को प्राथमिकता दें।