जीवन जहाँ

- नीर

ND
जीवन जहाँ खत्म हो जाता !
उठते-गिरते,
जीवन-पथ प
चलते-चलते,
पथिक पहुँच कर,
इस जीवन के चौराहे पर,
क्षण भर रुक कर,
सूनी दृष्टि डाल सम्मुख जब पीछे अपने नयन घुमाता!
जीवन वहाँ ख़त्म हो जाता !