गुड़ी पड़वा नाम का क्या अर्थ है

बुधवार, 30 मार्च 2022 (19:03 IST)
गुड़ी पड़वा 2022 : चैत्र प्रतिपदा के दिन पूरे देश में हिन्दू नववर्ष मनाया जाता है। महाराष्‍ट्र और मराठी समुदाय में यह पर्व गुड़ी पड़वा के नाम से प्रचलित है। इस पर पर घर की छतों पर ध्वज पताका फहराई जाती है और श्रीखंड बांटा जाता है। पारंपरिक व्यंजन में पूरन पोली, मीठे चावल और कड़ी बनाई जाती है। आओ जानते हैं कि गुड़ी पड़वा ( Gudi padwa ka arth kya hai) का अर्थ क्या है।
 
 
गुड़ी पड़वा नाम का क्या अर्थ है ( What does the name Gudi Padwa mean): गुडी पड़वा में जो गुड़ी है उसे ध्वज माना गया है और जो पड़वा है वह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि है। यानी गुड़ी का मतलब ध्वज और पड़वा का मतलब प्रतिपदा। गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना हैं। जिसमें गुड़ी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता है प्रतिपदा। मराठी परिवार घर के दरवाजे के बहारा गुड़ी लगाते हैं जबकि अन्य लोग ध्वज फहराते हैं। इस कार्य को विधि पूर्वक किया जाता है जिसमें किसी भी प्रकार की गलती नहीं करना चाहिए।

 
गुड़ी पड़वा के दिन, कई जुलूस सड़क पर आयोजित किए जाते हैं। महाराष्ट्र में लोग नए परिधानों में तैयार होते हैं। उनके घरों में, विशेष और पारंपरिक व्यंजन तैयार किए जाते हैं जैसे पूरन पोली, पुरी और श्रीखंड, मीठे चावल जिन्हें लोकप्रिय रूप से सक्कर भात कहा जाता है| लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ उत्सव का आनंद लेते हैं और सड़क पर जुलूस का हिस्सा बनते हैं।

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