* मंदिर में दर्शन करने वाले को नीम और शक्कर प्रसाद के रूप में मिलता है।
* नीम कड़ुवा है, लेकिन आरोग्य-प्रद है। प्रारंभ में कष्ट देकर बाद में कल्याण करने वालों में से यह एक है।
* नीम का सेवन करने वाला सदा निरोगी रहता है।
* कितने ही विचार आचार में लाने में कष्टदायी होते हैं, इतना ही नहीं, वे कडुए भी लगते हैं, लेकिन वे ही विचार जीवन को उदात्त बनाते हैं।