गुजरात में लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने का प्रयास कर रहे नरेंद्र मोदी के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत की राह आसान नजर आ रही है।
मोदी के मणिनगर विधानसभा क्षेत्र में उनके खिलाफ चुनावी मैदान में निलंबित आईपीएस अधिकारी की पत्नी उतरी हैं, जो एक असमान चुनावी जंग नजर आती है।
कांग्रेस की प्रत्याशी श्वेता भट्ट निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी हैं और वे विधानसभा चुनाव में मोदी को चुनौती देने उतरी हैं। संजीव भट्ट को एक समय मोदी का करीबी माना जाता था, लेकिन 2002 के दंगों के बाद दोनों के बीच दूरियां हो गईं।
भट्ट मुख्यमंत्री के खिलाफ कानूनी जंग लड़ रहे हैं और अब वह चुनावी मैदान में भी एक दूसरे का सामना करते हुए नजर आ रहे हैं।
वैसे इस सीट पर कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन चुनावी जंग मोदी और श्वेता के बीच ही मानी जा रही है क्योंकि राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय के नेता माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने लगातार बढ़ते अहमदाबाद शहर में शामिल इस सीट से अपना उम्मीदवार हटाने का फैसला किया है।
केशुभाई ने एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री काशीराम राणा के साथ मिलकर गुजरात परिवर्तन पार्टी नाम से अपना राजनीतिक दल बना लिया था। हालांकि राणा के निधन ने नई पार्टी को झटका दिया है। इस चुनाव क्षेत्र में 2.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जो मानते हैं कि मोदी और श्वेता भट्ट के बीच ‘कोई मुकाबला नहीं’ है।
पेशे से दर्जी मोहम्मद मोहसिन अंसारी ने कहा कि मणिनगर में मोदी की आसान जीत होने जा रही है। कोई भी उन्हें हरा नहीं सकता।
सातवीं कक्षा तक मदरसे के बजाय सामान्य स्कूल में पढ़ने वाले अंसारी ने कहा कि सदभावना मिशन के दौरान कट्टरवादी हिन्दुत्व के रुख में नरमी लाने के बाद मोदी को अल्पसंख्यक समुदाय के एक धड़े के मत मिल सकते हैं।
हालांकि उनका मानना है कि 2002 के दंगों के दाग अब भी बने हुए हैं और इसके लिए मोदी को जिम्मेदार माना जाता है। (एजेंसी)