गुरु पूर्णिमा : महर्षि वेद व्यास कौन थे और क्यों होती है इस दिन उनकी पूजा

शनिवार, 1 जुलाई 2023 (12:56 IST)
Guru Purnima Ved Vyas Puja 2023 : आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन वेद व्यासजी की पूजा होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 3 जुलाई 2023 को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाए जाएगा। आओ जानते हैं कि कौन है महर्षि वेद व्यास और क्यों करते हैं उनकी पूजा।
 
गुरु पूर्णिमा पर क्यों होती है वेद व्यास जी की पूजा?
गुरु पूर्णिमा के दिन व्यास पूजा होती है। वेद व्यास एक अलौकिक शक्तिसंपन्न महापुरुष थे और महाभारत काल में वे सभी के गुरु थे इसलिए गुरु पूर्णिमा पर उनकी पूजा होती है। यह भी मान्यता है कि आषाड़ी पूर्णिमा को ही उनका जन्म हुआ था। 
 
कौन थे महर्षि वेद व्यास?
  1. ऋषि पराशर और निषाद कन्या सत्यवती के पुत्र थे महर्षि वेद व्यास।
  2. तप से वे काले हो गए इसलिए उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा जाने लगा।
  3. उनका जन्म यमुना नदी के बीच एक द्वीप पर हुआ था और वे सांवले थे इसलिए उनका नाम कृष्ण द्वैपायन रखा गया।
  4. वेद व्यास एक उपाधी होती है। महर्षि वेद व्यासजी इस कल्प के 28वें वेद व्यासजी थे।
  5. श्रीमद्भागवत पुराण में भगवान विष्णु के जिन 24 अवतारों का वर्णन है, उनमें महर्षि वेद व्यास का भी नाम है। 
  6. धर्मग्रंथों में जो अष्ट चिरंजीवी (8 अमर लोग) बताए गए हैं, महर्षि वेद व्यास भी उन्हीं में से एक हैं इसलिए इन्हें आज भी जीवित माना जाता है।
  7. महर्षि वेद व्यास जी ने ही महाभारत ग्रंथ की रचना की थी और उन्होंने ही मुख्‍य 4 पुराणों की रचना की उन्हें उनके पुत्र ने विस्तार दिया।
  8. महर्षि वेद व्याजी के कथनानुसार ही भगवान गणेशजी ने महाभारत लिखी थी।
  9. महर्षि वेद व्यास जी के पिता ऋषि पराशर भी पुराणकार और ज्योतिषाचार्य थे।
  10. कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास की पत्नी का नाम आरुणी था जिनके महान बालयोगी पुत्र शुकदेव थे। 
  11. विश्‍व में सर्पप्रथज्ञ पृथ्वी का पहला भौगोलिक मानचित्र वेद व्यास द्वारा ही बनाया गया था।
  12. वेद व्यास के 4 महान शिष्य थे जिनको उन्होंने 4 वेद पढ़ाए- मुनि पैल को ॠग्वेद, वैशंपायन को यजुर्वेद, जैमिनी को सामवेद तथा सुमंतु को अथर्ववेद पढ़ाया।
महाभारत और वेद व्यासजी:-

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