3. अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है कुंभ में मकर संक्राति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, पूर्णिमा, अमावस्या, महाशिवरात्रि और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, पूजन, दान एवं दर्शन करना महत्वपूर्ण माना गया है।
4. गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है। गंगाजी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं।
6. गंगा स्नान करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।
7. अमावस्या दिन गंगा स्नान और पितरों के निमित्त तर्पण व पिंडदान करने से सद्गती प्राप्त होती है और यही शास्त्रीय विधान भी है।