अब तक 13 में से चार अखाड़े स्नान कर चुके हैं। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के साधु संत और नगा संन्यासी अपने महामंडलेश्वर आचार्य कैलाशानंद गिरी की अगुवाई में स्नान के लिए हर की पैड़र ब्रह्मकुंड पहुंचे, जहां उन्होंने अपने इष्टदेवों के साथ नदी में डुबकी लगाई। निरंजनी अखाड़े के साथ ही आनंद अखाड़े के संतों ने भी स्नान किया।
इसके बाद जूना अखाड़ा के साधु संन्यासियों ने स्नान किया। सबसे ज्यादा नगा संन्यासियों वाले इस अखाड़े के साधु संत अपने महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद के नेतृत्व में गंगा स्नान के लिए पहुंचे। जूना अखाड़ा के बाद महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े संत शाही स्नान के लिए पहुंचे और अपने इष्टदेवों के साथ गंगा में डुबकी लगाई।
इससे पहले, सुबह सात बजे मेला प्रशासन ने मुख्य स्नान घाट हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड को पूरा खाली करा लिया, जिससे कि पूरे दिन यहां सभी 13 अखाड़ों से जुड़े साधु संत शाही स्नान कर सकें।