हरिद्वार को हरि का द्वार कहा जाता है। इसका प्राचीन नाम मायापुरी है। यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है। यहां का शांत वातावरण देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां की हरियाली, बहती गंगा नदी, शांत और मनोहर घाट पर्यटकों को बहुत ही ज्यादा आकर्षित करता हैं। यहां हर की पौड़ी एक प्रसिद्ध घाट है। इसे ब्रह्मकुंण भी कहते हैं। हरिद्वार में 5 घाटों का खास महत्व है। आओ जानते हैं इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी।
5. ब्रह्मकुंड : ब्रह्मकुंड को हर की पौड़ी भी कहा जाता है। यह सबसे खास घाट माना जाता है क्योंकि मान्यता है कि यहीं पर समुंद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें कलश से छलक कर गिरीं थीं। कहा जाता है कि यहां पर डुबकी लगाने से करोड़ों जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। यहां स्नान करने से अर्थ काम मोक्ष और धर्म चारों की प्राप्ति हो जाती है। इस स्थान पर स्नान करने से कभी भी मनुष्य की अकाल मृत्यु नहीं होती। इसी घाट पर विष्णु के पद चिन्ह होने की बात भी कही जाती है।