माइग्रेन : लाइलाज नहीं है दर्द

शनिवार, 27 सितम्बर 2014 (10:45 IST)
माइग्रेन के युवा मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार करीब 10 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में माइग्रेन से पीड़ित है। स्पेशलिस्ट के अनुसार इसके बढ़ने का कारण शुरुआत में ही युवा मरीजों का इस पर ज्यादा ध्यान न देना है। जब तक प्रॉब्लम बढ़ नहीं जाती माइग्रेन से पीड़ित युवा मरीज डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं और इसे सामान्य सिरदर्द ही समझते रहते हैं। इससे उनकी प्रॉब्लम बढ़ती जाती है। 
वास्तव में मॉर्डन लाइफ स्टाइल अपना असर दिखाने लगी है। भागमभाग भरी जिंदगी, लेट नाइट स्लीपिंग, देर से उठना, असमय खाना और बढ़ते टेंशन आदि जैसे कई कारणों से माइग्रेन के युवा मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। सावधानी न रखने से यह गंभीर भी हो सकता है। अस्पतालों में प्रति माह 100  से अधिक युवा मरीज माइग्रेन के पहुंचते हैं।  न्यूरोलोजिस्ट के अनुसार अस्पताल में मरीज तभी पहुंचते हैं जब स्थिति बिगड़ जाती है। माइग्रेन की शुरुआती स्थिति में ही यदि एक्सपर्ट से मिल लिया जाए तो इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। बाद में ठीक होने में इसे थोड़ा समय लगता है। 
 
माइग्रेन रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड नर्व्स के फैलने और उनसे कुछ केमिकल निकलने के कारण होता है। कुछ खास कारण इसे प्रेरित करते हैं। माइग्रेन की 4 स्टेज रहती हैं- प्रोडोम, ऑरा, हैडेक और पोस्टड्रोम। खास बात यह है कि माइग्रेन युवाओं में ज्यादा पाया जाता है। आजकल दवाओं से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसकी अलग-अलग स्टेज के आधार पर ही इसे पूरी तरह ठीक होने में लगने वाला समय भी अलग-अलग होता है। 
 
माइग्रेन के लक्षण 
 
आधे सिर में दर्द होना और धीरे-धीरे बढ़ते जाना। 
सिरदर्द के साथ उल्टी की इच्छा होना या उल्टी होना। 
सिरदर्द के साथ डायरिया होना। 
धीरे-धीरे आंखों के सामने अंधेरा छा जाना। कुछ चीजें धुंधली दिखाई देना। 
सिरदर्द के पहले भी आलस्य, नींद आना, भूख न लगना, ध्वनि का चुभना जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
 
माइग्रेन से कैसे बचें  
 
प्रतिदिन सोने और जागने का समय निश्चित करें। कोशिश करें कि रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी जागें।
समय पर भोजन करें। लंबे समय तक उपवास न रखें। 
केफीन का सेवन कम करने के लिए कॉफी और चाय का सेवन कम करें। 
तेज प्रकाश से बचें। 
माइग्रेन को प्रेरित करने वाली चीजों को पहचानें और उनसे बचें। 

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