नवरात्रि में चलते हैं नंगे पैर, तो जरूर जानिए इसके फायदे, नुकसान और सावधानियां
नवरात्रि में बगैर जूते-चप्पल पहने रहना श्रद्धालुओं की आस्था को दिखाता है, नौ दिनों तक बगैर चप्पल-जूते के चलना धार्मिक संतुष्टि और मन को सुकून देने का जरिया हो सकता है। लेकिन नंगे पैर पैदल चलने के फायदे और नुकसान दोनों ही देखे जाते हैं।
नंगे पैर चलने के वैसे तो दुष्प्रभाव हैं लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि सावधानी रखने पर यह फायदेमंद साबित होता है। मानसिक संतोष के साथ यह बेहतर स्वास्थ्य भी प्रदान करता है।
1 नंगे पैर चलना तनाव, डिप्रेशन, मानसिक अवसाद जैसी समस्याओं में गजब के फायदे देता है।
2 नंगे पैर पैदल चलने से साइटिका, कमर दर्द आदि बीमारियों में भी बेहतद फायदा मिलता है।
3 नंगे पैर खुली हवा में रहने से, पैरों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है, रक्त संचार बेतहर होता है, जिससे उनकी थकान या दर्द खत्म हो जाता है।
4 नंगे पैर पैदल चलने से वे सारी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती है, जिनका उपयोग जूते-चप्पल पहनने के दौरान नहीं होता। मतलब आपके पैरों के अलावा, उससे जुड़े सभी शारीरिक भाग सक्रिय हो जाते हैं।
5 नंगे पैर पैदल चलते वक्त,आपके पंजों का निचला भाग सीधे धरती के संपर्क में आता है, जिससे एक्युप्रेशर के जरिए सभी भागों की एक्सरसाईज होती है, और कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है।