अमृतधारा की मुख्य विशेषता यही है कि इसका शरीर पर कोई विषाक्त प्रभाव नहीं पड़ता। खासकर इन बीमारियों जैसे- लू लगना, जी मिचलाना, श्वास लेने में कठिनाई, उदर शूल, अफरा, अतिसार, अजीर्ण, दंत शूल, सिर दर्द, कीट दंश, शोध आदि में इसका प्रयोग अधिक किया जाता है।
अमृतधारा के 10 फायदे, आप भी जानिए-
1. 3-4 बूंद अमृतधारा थोड़े से पानी में डालकर पीने से बदहजमी, पेट दर्द, दस्त, उल्टी बंद हो जाती है।
2. दांत-दाढ़ में दर्द पर अमृतधारा का फाया रखने से दर्द में राहत मिलती हैं।
3. 1-2 बूंद अमृतधारा जीभ पर रखकर अंदर की तरफ सूंघने से 4-5 मिनट में ही हिचकी में फायदा होता है।
5. 2 बूंद अमृतधारा ललाट पर मसलने से सिर दर्द में फायदा होता हैं।
6. 10 ग्राम वैसलीन में 4 बूंद अमृतधारा मिलाकर सभी प्रकार के शरीर दर्द में मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता हैं। फटी हुई बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से भी फयदा होता है।
8. ठंडे पानी में 4-5 बूंद अमृतधारा डालकर प्रात: सायं पीने से श्वास, खांसी, दमा और क्षय रोग में फायदा मिलता है।
9. जहरीले कीट के काटने पर अमृतधारा मसलने से दर्द में राहत मिलती है।
10. 1-2 बूंद अमृतधारा थोड़े से पानी में मिलाकर छालों पर लगाने से फायदा होता है।