स्पोर्ट्स, पेंटिंग्स, गार्डनिंग, टूरिज्म, म्यूजिक या रीडिंग हैबिट्स व हॉबीज विकसित करें।
'क्षमा करो भूल जाओ' यानी 'फॉरगिव एंड फॉरगेट' का सिद्धांत अपनाएं।
क्रिएटिव राइटिंग से नकारात्मक सोच कम होती है। मिल-जुलकर रहें और खुश रहें।
इंटेलिजेंस, इमोशन्स और स्प्रिच्युएलिज्म में सही तालमेल बिठाएँ।
प्रिकॉशन्स इज बैटर देन क्योर यानी उपचार से रोकथाम बेहतर है। समय, प्रयास और धन की दृष्टि से यह फंडा कारगर है।