इसलिए वर्कआउट करते समय संगीत सुनना चाहिए

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने लोगों से स्प्रिंट-इंटरवल वर्कआउट (एयरोबिक्स वर्कआउट) संगीत के साथ और बिना संगीत के करके देखने का कहा। ये लोग हाईइंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (एचआईटीटी) को हालिया अपनाए थे। सभी लोग दो ग्रुपों में बांटे गए। 



दोनों ही ग्रुपों को यह एक्ससाइज़ पसंद आई, परंतु वह ग्रुप जिसने यह संगीत के साथ किया था, उन्हें इस एक्ससाइज़ के बाद बहुत अधिक अच्छा महसूस हुआ। नतीजा यह है कि संगीत सुनते हुए हाईइंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (एचआईटीटी) करना अधिक आसान होता है। इस शोध के लेखक के अनुसार संगीत सुनते हुए लोग हाईइंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (एचआईटीटी) रूटीन को आसानी से अपना सकते हैं। जिससे उन्हें शेप में रहना में मदद मिलती है।
 
 

 लोग नियमिततौर पर एक्ससाइज करते हैं परंतु वे स्टेडी-स्टेट कार्डियो (जैसे लांग, स्लो जोग) या लो-इंटेंस एक्टिविटी (जैसे पैदल चलना या योग) अपनाते हैं। हालांकि दोनों ही प्रकार बहुत लाभदायक हैं, शोध कहते हैं कि इंटरवल ट्रेनिंग से भी कई समान परिणाम मिलते हैं, जिनमें कैलोरी बर्निंग और हार्ट की मजबूती शामिल है। इस ट्रेनिंग का फायदा यह है कि इसमें कम समय लगता है। 
 
शोधकर्ता का कहना है कि एचआईटीटी को इंजॉयबल बनाने के लिए संगीत का इस्तेमाल अच्छा कदम होगा। इससे शायद लोगों के एक्ससाइज़ (स्प्रींट-इंटरवल ट्रेनिंग) करते रहने का मन टाइम के साथ बन जाए। उन्होंने माना कि संगीत से एक्ससाइज में मिला उत्साह भले ही काफी न हो परंतु शोधकर्ता स्टोर्क के अनुसार वर्कआउट में संगीत शामिल करना नुकसान तो नहीं करेगा। 
 
 
शोधकर्ता स्टोर्क कहते हैं कि ऐसे लोग जो व्यस्त रहते हैं, शोध के आधार पर, एचआईटीटी एक्ससाइज़ को इंजॉय करेंगे। और संगीत के साथ होने पर वे बार बार इसे करने में रूचि लेंगे। यह शोध स्पोर्ट साइंस के जर्नल में प्रकाशित हुआ था। शोध में शामिल लोगों ने अपनी पसंद का संगीत स्वयं चुना था। 
 
स्टोर्क के मुताबिक कम से कम तीन 10-मिनिट वाले एचआईटीटी के सेशन एक हफ्ते करने पर हेल्थ को काफी फायदा पहुंचा सकते हैं। अगर लोग इन एचआईटीटी सेशन को अपना पाएं तो उन्हें शायद 150-मिनिट हर हफ्ते वाले टफ रेगुलर वर्कआउट से भी छुटकारा मिल सकता है। स्टोर्क कहते है कि एचआईटीटी हर उम्र के लोगों के लिए ठीक है परंतु हार्ट की बीमारियों या अन्य हेल्थ रिस्क से जूझ रहे लोग इसे करने के पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। 
 

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