जी हां, बुनाई से होता है दिमाग तेज.... पढ़ें रोचक जानकारी

अमिता शुक्ला
 
सर्दी का मौसम आते ही स्वेटर की जरूरत महसूस होने लगती है। कुछ सालों पहले तक महिलाएं सर्दी शुरू होते ही स्वेटर बुनने लगती थीं। दोपहर में धूप सेंकती और एक-दूसरे से नई डिजाइन सीखती थीं। हालांकि आजकल ये दृश्य कम ही दिखाई देते हैं। 
अब इसे लोगों की व्यस्तता कहें या फिर स्टेटस सिंबल, आधुनिकता के इस दौर में स्वेटर बुनने की यह कला लुप्त होती जा रही है। पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि बुनाई और हाथ से बने स्वेटर सिर्फ ठंड ही नहीं भगाते उनके साथ भावनाओं की गर्माहट भी होती है। साथ ही जाने-अनजाने में बुनाई कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं को भी दूर भगा देती है। 
 
बुनाई दिमाग को रिलेक्स करने में मदद करती है। जिस तरह ध्यान केन्द्रित करने के लिए शांत वातावरण की जरूरत होती है वैसे ही नई डिजाइन तैयार करने के लिए ध्यान केन्द्रित करना पड़ता है। यदि आप शौकिया तौर पर ही कुछ समय के लिए बुनाई करती हैं तो आपको उससे कई लाभ होंगे। 
 
बुनाई के दौरान हाथ और आंखों के बीच सामंजस्य की भी जरूरत होती है। इसका पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही इससे हाथ व आंखों का व्यायाम भी हो जाता है। बुनाई करने से उंगलियां व हाथ क्रियाशील रहते हैं और यदि आप गठिया की मरीज हैं तो बुनाई आपके लिए और भी फायदेमंद हैं।
 
ध्यान रखें कि बुनाई करते समय आपका पोश्चर बिलकुल सही हो व रोशनी भी पर्याप्त हो। बुनाई करने से दिमाग भी तेज होता है, क्योंकि बुनाई करते वक्त दोनों हाथ सक्रिय रहते हैं और दिमाग के दोनों हिस्से एकसाथ काम करते हैं जिससे एकाग्रता बढ़ती है व दिमाग तेज होता है। 
 
हाथ से बुनाई करने पर आप अपनों के लिए कुछ खास रच सकेंगी। इससे आपको रचनात्मक संतुष्टि भी मिलेगी। यदि आप होम मेकर हैं साथ ही बुनाई में एक्सपर्ट हैं तो आप इसे आमदनी का जरिया भी बना सकती हैं। इससे आपको आर्थिक मदद भी मिलेगी और आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा। गर आप सेहत में बोनस पाना चाहती हैं तो बुनाई को शौक की तरह ट्रीट करें। 

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