मोरधन खाने के क्या फायदे हैं, ज्यादा खाने के 2 नुकसान भी जान लीजिए...

भारतीय पर्वों में कुछ पर्व ऐसे हैं जब सिर्फ मोरधन ही खाया जाता है। आइए जानते हैं मोरधन से होने वाले हेल्थ बेनिफिट्स 
 
मोरधन का उपयोग उपवास में किया जाता है क्योंकि यह बहुत ही आसानी से पच जाता है एवं स्वादिष्ट भी होता है। 
 
उपवास में लोग अनाज नहीं खाते तो अनाज के स्थान पर मोरधन खाया जा सकता है, इसमें पोषक तत्व पाए जाते हैं। 
 
मोरधन के बहुत प्रकार के मीठे एवं नमकीन स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं जैसे- 
मोरधन की खिचड़ी
मोरधन की पूरी
खीर
उपमा
ढोकले
डोसा
कटलेट
मोरधन के बड़े
पुलाव
कचोरी
चकली
मोरधन का चीला
इडली इत्यादि.
ये व्यंजन सेहत के लिए भी लाभदायक हैं। 
 
मोरधन में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, सी, ई और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। 
 
मोरधन में खनिज की मात्रा भी पर्याप्त होती है। 
 
इसमें ग्लूटेन नहीं पाया जाता जिससे केलोरी और शर्करा की मात्रा कम होती है।
 
जो लोग अपने वजन को लेकर परेशान हैं उनके लिए यह बहुत ही अच्छा आहार है। 
फायदे 
पाचन तंत्र में सुधार
वजन कम होता है 
ताकत और स्फूर्ति बढ़ाता है 
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है 
शरीर को फाइबर मिलता है 
प्रोटीन का भंडार 
 
ऋषि पंचमी के दिन मोरधन का महत्व 
ऋषि पंचमी के दिन मोरधन का विशेष महत्व है, इस दिन मोरधन या दूब पर महिलाएं सफ़ेद कपडा लपेटकर उसके सप्तऋषि बनाती हैं एवं इसके बाद मोरधन, फल, दूध, पंचाम्रत, दही से पूजन करती हैं इसके बाद घर के बुजुर्गों से आशीर्वाद लेती हैं। मोरधन की खीर बनाई जाती है और महिलाएं व्रत रखती हैं। 
 
दो नुकसान
मोरधन लाभदायक तो है ले‍किन ज्यादा खाने से नुकसानदायक भी है। कुछ लोग मोरधन खाने में हिचकते हैं क्योंकि उनको यह भोजन नहीं पचता। 
 
कुछ लोगों में मोरधन खाने से सिर दर्द की समस्या देखी गई है अत: इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें। 
 

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