कोविड का नियोकोव वैरिएंट ज्यादा घातक, चीन के वुहान के वैज्ञानिक भी हुए परेशान

ओमिक्रॉन और डेल्‍टा से दुनिया उभर ही नहीं पा रही थी कि नए वैरिएंट ने दस्‍तक दे दी है। नियोकोव को लेकर सभी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और शोधकर्ता में चिंता है। नियोकोव वायरस कोविड के अन्‍य वायरस की तुलना में अधिक घातक बताया जा रहा है। रिसचर्स का दावा है कि नियोकोव से 10 में से 3 से 4 लोगों की मौत हो सकती है। साउथ अफ्रिका में मिले इस नए वायरस ने सराकारों की भी चिंता बढ़ा दी है। चीन के वुहान के रिसर्चर्स ने इस नए कोरोना वायरस नियोकोव को लेकर चेतावनी जारी की है। रिसर्चर्स के मुताबिक इस नए वायरस से फैलने का खतरा और मौत का खतरा दोनों की ज्‍यादा है।  

आइए जानते हैं नियोकोव क्‍या है?कैसे फैलता है?  WHO, CDC और रिसर्चर्स की नियोकोव की क्‍या राय है?

नियोकोव वायरस क्‍या है?  

BioRxiv नियोकोव वायरस में MERS-CoV वायरस और कोरोना वायरस दोनों के गुण है। नियोकोव में मर्स जैसा मौत का खतरा, कोरोना से भी अभी तेजी से फैलने की क्षमता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मर्स वायरस कुछ साल पहले खाड़ी के देशों में भी फैला था।  

हालांकि नियोकोव अब तक चमगादड़ों में ही फैला है। चीन के रिसर्चर्स के मुताबिक यह कोरोना का नया वैरिएंट है। वुहान यूनिवर्सिटी एंड द चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंस्‍टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्‍स के रिसर्चर्स के मुताबिक इस नए कोरोना वायरस के इंसान तक पहुंचने के लिए सिर्फ एक म्‍यूटेशन की जरूरत है।  

BioRxiv वेबसाइट पर पब्लिश स्‍टडी के मुताबिक, नया वायरस नियोकोव और इसका करीबी वायरस वायरस PDF-2180 Cov इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है।  

मर्स बीमारी के बारे में -

- CDC के अनुसार  MERS यानी  मिडिल ईस्‍ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो MERS-CoV नाम के वायरस से होती है।  

- संभावित लक्षण बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना।  

- WHO के मुताबिक, मर्स का पहला केस 2012 में सउदी अरब में पाया गया था।

- WHO के मुताबिक, मर्स बीमारी से पीडि़त करीब 35 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।  

- इस वायरस से तेजी से मौत होती है लेकिन यह एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में तेजी से नहीं फैलता है।  

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