ओमिक्रॉन के मामले दुनियाभर में धीरे-धीरे पैर पसारने लगे हैं। जो एक चिंता का विषय है। बच्चों में भी इसकी पुष्टि की जा रही है। वहीं बता दें कि जिन्हें वैक्सीन के डबल डोज लग चुके हैं वे भी इसके शिकार हो रहे हैं। लेकिन वे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं। साथ ही वैक्सीन बहुत अधिक प्रभावी नहीं बताई जा रही है। इसलिए विदेश में बूस्टर डोज की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। हालांकि जो लोग इसकी चपेट में नहीं आए उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं ओमिक्रॉन के कारण, लक्षण, सावधानियां और बचाव के उपाय -
ओमिक्रॉन डेल्टा का नया स्वरूप बताया जा रहा है। यह नया वैरिएंट वायरस के व्यवहार को ही बदल देता है। विशेषज्ञों के अनुसार नया वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक हो सकता है। इस वैरिएंट पर विशेषज्ञों ने नजरें बना रखी है। जिससे यह कितना खतरनाक होगा उसका पता लगाया जा सकें। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन B.1.1.529 वैरिएंट पहली बार 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका में मिला था। WHO ने इसकी पुष्टि की थी।
- हल्का बुखार।
- गले में खराश।
- सिरदर्द।
- मांसपेशियों में दर्द।
- स्मेल और टेस्ट दोनों एक्टिव।
- कुछ लोगों में अस्म्प्टिोमेटिक।
ओमिक्रॉन से बचाव में क्या सावधानियां बरते -
- वैक्सीन के दोनों डोज लगाएं।
- मास्क पहनकर बाहर जाएं।
- थेाड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोते रहे।
- नाक या मुंह पर भूलकर भी हाथ नहीं लगाएं।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जानें से बचें।
- घर में बीमार सदस्यों से दूरी बनाकर रखें।
- किसी से भी गले या हैंडशैक नहीं करें।
- जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।
ओमिक्रॉन से बचाव के उपाय -
- इम्यूनिटी बूस्ट करें।
- योग, एक्सरसाइज को अपनी लाइफस्टइाल में शामिल करें।
- सीजनल फल और सब्जियों को सेवन करें।
- हल्के सर्दी-खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- फेफड़ों में ऑक्सीजन पर्याप्त बनी रहे इसके लिए ब्रिदिंग एक्सरसाइज करें। अुनलोम-विलोम नियमित रूप से करें।