21वीं सदी में युवाओं में अखबार पढ़ने की रूचि बहुत हद तक कम हो गई है। सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज ने हमारे हाथों से अखबार छीनकर मोबाइल पकड़ा दिया है। देखते ही देखते फोन के इतने आदि हो गए है कि फोन हर वक्त हमारे पास ही रखते हैं। फिर चाहे कुछ भी कार्य कर रहे हो और किसी भी बहाने से। आपने अलार्म लगा रखा हो, म्यूजिक सुनना हो या फिर पढ़ाई करनी हो। इसकी दिवानगी इस कदर बढ़ गई की अब वॉशरूम में मैगजीन की जगह मोबाइल ने ले ली है। जी हां, अब टॉयलेट में भी फोन लेकर जाने लगे हैं, जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक है। विज्ञान ने भी बाथरूम में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को गलत ठहराया है।
जब बाथरूम साफ है तो बैक्टीरिया का कैसा डर?
यह विचार आपके मन में आता ही होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक बाथरूम में जाने के बाद आप बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं। आप फ्लेश का इस्तेमाल करते हैं। और इसके बाद तुरंत फोन को हाथ लगा लेते हैं। लेकिन हाथ धोने के बाद हाथों से बैक्टीरिया निकल जाते होंगे लेकिन वह आपके फोन पर जरूर रहते हैं। विज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो फोन हीट पैदा करता है तो बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है। जब भी आप लेंस से देखें तो आपको बैक्टीरिया की मोटी परत नजर आएगी।
बाथरूम में फोन से बीमारियों का खतरा -
बाथरूम में बैठना बोरियत हो सकता है लेकिन आप कई सारी बीमारियों को न्योता देते हैं। बाथरूम में आप स्टैफिलोकोकस, शिगेला जैसे खतरनाक बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं। जो आपको बीमार कर सकते हैं। बाथरूम में फोन का इस्तेमाल करने पर हेपेटाइटिस ए जैसे वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है।