हृदय रोग के प्रकार : हृदय रोग के दो प्रकार हैं-1. इंजाइना और 2. दिल का दौरा
इंजाइना क्या है?: कारोनरी धमनी रोग की प्रारम्भिक अवस्था है। शक्ति वाहक कारोनरी धमनियों में उत्पन्न हुई सिकुड़न को काफी हद तक सहने की कोशिश करता है, जब स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है और वह प्रतिकूल परिस्थितियों को कबूल नहीं कर पाता।
इंजाइना के लक्षण : रोगी को इसका पता तब चलता है जब उसके सीने में बाईं ओर दर्द उठने लगता है, भारीपन रहने लगता है। बेचैनी होने लगती है और वह स्वयं को थका-थका महसूस करता है। जांच कराने से ही रोग का पता लगता है कि यह इंजाइना है या नहीं।
दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक क्या है?: किसी बड़ी कारोनरी धमनी में जब अचानक रुकावट आ जाने से रक्त का बहाव रुक जाता है, तब दिल के उस भाग की मांसपेशियां जीवित नहीं रह पातीं- इसे ही 'हार्ट अटैक' कहा जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण : सीने में बाईं ओर प्राणलेवा दर्द उठना, छाती पर कोई बहुत भारी वस्तु रख दिए जाने का अहसास होना। दर्द का कंधे, गर्दन और अंगुलियों तक फैलना, पसीना छूटना, घबराहट होना, मितली की शिकायत होना आदि इसके लक्षण हैं। इन लक्षणों वाला रोगी बेहोश भी हो जाता है और धड़कन भी रुक जाती है।
हार्ट अटैक के कारण : मोटापा, धूम्रपान, रक्त में कोलेस्ट्रोल की अधिकता, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मदिरापान, अधिक मात्रा में वसायुक्त आहार, भागदौड़ का तनावयुक्त जीवन आदि इसके मुख्य कारण हैं। फेफड़े, त्वचा और गुर्दे में खराबी से भी हृदय रोग की सम्भावना बनती है। अधिक काम करना, मनोरंजन का कोई साधन न होना, पूरी नींद न लेना, समय पर न खाना, मांस खाना, अधिक चाय या कॉफी पीना, अत्यधिक औषधियों का सेवन करना- ये सब हृदय रोग के कारण हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण में क्या करें : इमरजेंसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सहायता लेना चाहिए। रोगी को पीठ के बल लेटा दें। कपड़े ढीले कर दें। यदि दिल की धड़कन रुकती नजर आए तो उसके सीने की मालिश करें। दबाव के झटके दें, मुंह से मुंह सटाकर श्वास दें। मरीज खांस सके तो ज्यादा से ज्यादा खांसे।