उम्र बढ़ने से खुशियाँ कम नहीं होती

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अधिकतर शोधों से पता चलता है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ खुशियाँ बढ़ती जाती हैं। मिशीगन मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. हीथन पौंड लेसी ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ खुशियों के कम होने संबंधी हमारे मिथक सही नहीं हैं।

डॉ. लेसी ने कहा कि आने वाला समय काफी अच्छा ही होता है। उन्होंने कहा कि हम लोग संभवतः भविष्य में कुछ अच्छी चीजों और घटनाओं का अनुमान कर सकते हैं।

सुश्री लेसी और उनके दल ने 31 वर्ष की औसत आयु के 273 लोगों और 68 वर्ष के 269 लोगों का सर्वेक्षण किया। उनसे उनके वर्तमान, भूत और भविष्य की खुशियों के बारे में कई तरह के सवाल पूछे। उनसे पूछा भी गया कि जब वे 30 साल के थे तब कितने खुश थे और 70 साल की उम्र में कितने खुश हैं।

दोनों समूहों का यही अनुमान था कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी, व्यक्ति अपने आपको थोड़ा दुःखी महसूस करेगा। लेकिन यह अध्ययन बताता है कि उम्रदराज लोग युवाओं की तुलना में ज्यादा सुखी होते हैं। यह रिपोर्ट जर्नल ऑफ हैप्पीनेस स्टडी में छपी है। लेकिन युवाओं का यह मानना है कि बढ़ती उम्र के साथ उनकी खुशियों में कोई कमी नहीं होती है।

'यह अध्ययन बताता है कि उम्रदराज लोग युवाओं की तुलना में ज्यादा सुखी होते हैं।'

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सुश्री लेसी ने कहा कि पुराने शोधों में यह दर्शाया गया है कि लोग अपने आपको औसत स्तर से ज्यादा आँकते हैं। उन्होंने कहा- दूसरों के बारे में जो हम निर्णय लेते हैं उसकी तुलना में हम अपने बारे में सकारात्मक धारणा बना लेते हैं। जो बुजुर्ग लोग यह सोचते हैं कि वे अपने युवा जीवन में ज्यादा खुश थे उनका मानना है कि उनकी पुरानी पीढ़ी वर्तमान पीढ़ी से ज्यादा खुश थी, लगभग यही बात वर्तमान युवा पीढ़ी पर भी लागू होती है।

उनका मानना है कि उम्र के साथ उनकी खुशियाँ कम होती जाती हैं। सुश्री लेसी कहती हैं- ऐसे अनेक सिद्धांत हैं जो यह बताते हैं कि लोग क्यों ज्यादा उम्र के साथ भी खुश रहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ वे अपनी उपलब्धियों के बजाए व्यक्तिगत संबंधों को ज्यादा तरजीह देते हैं।

सुश्री लेसी और उनके साथियों ने शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला- लोग अच्छे-बुरे समय में सामंजस्य बिठाने में माहिर होते हैं लेकिन ये सभी अपनी योग्यता को सही तरीके से नहीं स्वीकार करते हैं।