बच्चे के मूड में अचानक बदलाव हो सकता है बाइपोलर डिसऑर्डर का लक्षण

Bipolar disorder:

क्या आपके  बच्चे का मूड अचानक से बदल जाता है?  बच्चा एक पल खुश और दूसरे ही पल दुखी हो जाता है? या कभी खुद को कमरे में बंद करके अजीब व्यवहार अपनाने लगता है। इन लक्षणों को माता-पिता को गंभीरता से लेना चाहिए। ये एक तरह की मानसिक बीमारी हो सकती है जिसके परिणाम काफी खराब भी निकल सकते हैं। इसे बाइपोलर डिसऑर्डर पुकारा जाता है। बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह की मानसिक बीमारी है। इसमें बच्चे के मूड में अचानक बदलाव देखने को मिलता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर में पीड़ित इंसान अचानक बहुत हंसने लगता है या फिर उदास हो जाता है। इसमें गुस्सा भी आता है। ये परेशानी प्रभावित इंसान को मानसिक रोगी साबित कर सकती है। आज इस आलेख में हम आपको बताएंगे कि बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है। इसके लक्षण क्या और बचाव के लिए किन तरीकों को आजमाया जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में…ALSO READ: क्या आपका बच्चा भी देख रहा है Reels तो हो जाएं तुरंत सावधान, जानिए क्या कहते हैं चाइल्ड साइकियाट्रिस्ट

क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है पर इसकी चपेट में बच्चे भी आ सकते हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर होने पर व्यक्ति अचानक तेज-तेज या देर तक हंसने लगता है। उसे अचानक बहुत गुस्सा आने लगता है और स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार इसके दो एपिसोड हैं जिसमें पहला मेनिया है और दूसरे को हाइपोमेनिया पुकारा जाता है।

 
बाइपोलर डिसऑर्डर का कारण
बाइपोलर डिसऑर्डर क्यों होता है या इसके क्या कारण हैं इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है। वैसे एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेनेटिक, फिजिकली चेंजस और केमिकल डिसबैलेंस के कारण ऐसा हो सकता है। अगर आपके अपने बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।

बाइपोलर के लक्षण
डाक्टर्स के अनुसार बच्चे या बड़ों में इस बीमारी के कुछ लक्षण शुरू में ही नजर आने लगते हैं। इसका सबसे बड़ा लक्षण अचानक मूड में बदलाव है। वहीं बच्चा अगर अचानक बिना बात के देर तक हंसने लगे, हमेशा उदास रहे तो ये बाइपोलर डिसऑर्डर के होने का संकेत है। इसके अलावा पीड़ित इंसान को स्लीपिंग डिसऑर्डर यानी नींद कम आने की शिकायत तक होने लगती है। वैसे इस बीमारी के कारण हद से ज्यादा गुस्सा भी आने लगता है।

 
क्या हैं बचाव के तरीके

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