तंबाकू से चीन में हर तीन में से एक मौत

शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015 (12:03 IST)
लंदन। एक शोध के मुताबिक चीन में प्रत्येक तीन युवकों में से एक की मौत तंबाकू की वजह से होती है। 
   
‘द लांसेट’ मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक चीन में दो-तिहाई युवक धूम्रपान करना शुरु करते हैं। इनमें अधिकांश 20 वर्ष से कम होते हैं। इनमें से कुछ इसे छोड़ देते हैं लेकिन आधे अपनी इस आदत की वजह से मारे जाते हैं।

इस अनुसंधान का सह-नेतृत्व कर रहे बीजिंग स्थित एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर लिमिंग ली ने कहा, 'बिना किसी तेज, प्रतिबद्ध और व्यापक स्तर पर की गई कार्रवाई से धूम्रपान के स्तर को कम नहीं किया जा सकता। इससे चीन को अकाल मौतों का सामना करना पड़ेगा।'
         
वैज्ञानिकों ने चीन में धूम्रपान से स्वास्थ्य के परिणामों पर नजर रखने के लिए पिछले 15 वर्षों के दौरान दो बड़े अध्ययन किए। पहला अध्ययन 1990 के दशक में किया गया था और इसमें दस लाख पुरुषों को शामिल किया गया। दूसरा अध्ययन चल रहा है और इसमें दस लाख पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया है।
         
यह रिपोर्ट चीन में तंबाकू से वार्षिक मृत्यु दर को प्रदर्शित करती है। इसके मुताबिक वर्ष 2010 में तंबाकू की वजह से मरनेवालों की संख्या 10 लाख हो गई थी। इसमें कहा गया है कि अगर यही रुझान रहा तो वर्ष 2030 तक इसकी संख्या 20 लाख हो सकती है।
         
इस अध्ययन में पाया गया है कि चीनी महिलाओं में धूम्रपान की दर घटी है और तंबाकू से अकाल मौत का खतरा कम हुआ है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि हाल के दशकों में युवाओं में सिगरेट पीने की आदतों में तेजी देखी गई है। इसमें कहा गया है कि सभी पुरुषों का मृत्यु दर वर्ष 1990 के 10 प्रतिशत के मुकाबले दोगुनी हो गई है जबकि शहरी क्षेत्रों में इसका अनुपात 25 प्रतिशत है और यह लगातार बढ़ रहा है।
         
फेफड़े के कैंसर होने का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान है। अकाल मृत्यु के मामले में धुम्रपान हृदय रोग, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियों में सबसे बड़ा है। 
 
अनुसंधान का सह-नेतृत्व कर रहे ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड पेटो का कहना है कि सिगरेट की कीमतों में वृद्धि धूम्रपान कम करने का एक तरीका हो सकता है। उनका कहना था कि सिगरेट की कीमतों में वृद्धि के बदौलत पिछले 20 वर्षों में पश्चिमी देशों में तंबाकू से होनेवाली मौतों को कम किया गया है। चीन में इस तरीके से करोड़ों जीवन को बचाया जा सकता है। (भाषा)

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