हालांकि वहां के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि शेरों में कोविड के लक्षण तो मिले हैं पर आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अभी मिलना शेष है। 30 अप्रैल को एक वहां के वेटरनरी डॉक्टर्स की टीम और सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों की एक मीटिंग हुई जिसमें यह चर्चा हुई कि वाकई क्या यह कोविड-19 वायरस था और क्या इससे जानवरों से इंसानों में फैलने का खतरा रहेगा।
बाद में निष्कर्ष निकला कि जिनोम सीक्वेंसिंग यानी जीन्स की श्रृंखला पद्धति के विश्लेषण के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या जिन वन्य पशु से जो विषाणु कोविड-19 पाया गया है, वह इंसानों में संक्रमण करने हेतु समर्थ है या नहीं। अभी इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दीबाज़ी होगी।