संस्था के प्रादेशिक सचिव डॉ. गजेन्द्र चावला ने कहा कि डायबिटिक रोगियों को अपनी आंखों की नियमित जांच साल में एक बार कराना चाहिए जिससे कि डायबिटिक रेटिनोपैथी को प्रारंभिक अवस्था में पहचानकर उचित उपचार द्वारा आंखों की रोशनी को बचाया जा सके। उन्होंने आंखों की रोशनी बचाने के लिए शुगर की नियमित जांच एवं नियंत्रण, उचित खानपान की आदत, व्यायाम एवं साल में एक बार अपनी आंखों की जांच आदि की आवश्यकता पर बल दिया।
ऑल इंडिया ऑफ्थेल्मिक सोसायटी ने एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया हुआ है और संस्था के अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एस. नटराजन ने नवंबर माह में 'वर्ल्ड डायबिटिक डे' पर पूरे भारत में जन-जागरूकता एवं नेत्र शिविर लगाने का आव्हान किया है। इसी के मद्देनजर प्रदेश में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।