टोरंटो। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इम्प्लांट विकसित किया है, जो महिलाओं के योनि मार्ग की उन कोशिकाओं की संख्या को घटाकर उन्हें एचआईवी के संक्रमण से बचाता है जिन कोशिकाओं को एचआईवी का वायरस संक्रमित कर सकता है।
इस इम्प्लांट के बारे में जानकारी 'जर्नल ऑफ कंट्रोल्ड रिलीज' में प्रकाशित हुई है। इम्प्लांट में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग किया गया है, जो धीरे-धीरे योनि मार्ग की नलिका की कोशिकाओं में जाता है। कोशिकाएं इसका अवशोषण कर लेती हैं।
वाटरलू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इमैनुएल हो ने बताया कि इस इम्प्लांट की वजह से टी कोशिकाएं संक्रमण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देतीं जिसकी वजह से वायरस का ट्रांसमिशन भी रुक जाता है। एचआईवी का वायरस टी कोशिकाओं को संक्रमित कर देता है जिसका असर शरीर पर होता है। ये टी कोशिकाएं वायरस के मानव शरीर में प्रवेश करते ही प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय कर देती हैं। (भाषा)