Taste Atlas की रिपोर्ट और विवाद
Taste Atlas, जो दुनिया भर के पारंपरिक और स्थानीय व्यंजनों को रेटिंग देता है, ने हाल ही में अपनी "100 सबसे खराब डिशेस" की सूची प्रकाशित की। इस सूची में मिस्सी रोटी को भी शामिल किया गया है। जनवरी 2025 में जारी हुई इस लिस्ट में, मिस्सी रोटी 100 सबसे खराब रेटिंग वाली डिशेज में 56वें स्थान पर रही। सोशल मीडिया पर इस रिपोर्ट के बाद से बहस छिड़ गई है। कई भारतीयों ने Taste Atlas के मानदंडों पर सवाल उठाए हैं। लोगों का मानना है कि इस प्लेटफॉर्म ने भारतीय भोजन की विविधता और इसकी गहराई को सही तरीके से समझा ही नहीं। कई यूजर्स ने इस रिपोर्ट को मजाक तक बताया है।
5-स्टार रेस्टोरेंट से ले कर ग्रामीण जीवनशैली तक है महत्व
मिस्सी रोटी भारतीय खाने का एक पारंपरिक हिस्सा है, जिसे आमतौर पर उत्तर भारत और राजस्थान में खाया जाता है। इसे बेसन (चने का आटा), गेहूं के आटे, मसालों और कभी-कभी हरे धनिया के साथ तैयार किया जाता है। मिस्सी रोटी का स्वाद हल्का और पौष्टिक होता है, और यह घी के साथ परोसी जाती है। इसे आमतौर पर छाछ, अचार या सब्जियों के साथ खाया जाता है। ग्रामीण इलाकों में यह न केवल स्वाद का हिस्सा है, बल्कि इसका पोषण मूल्य भी इसे रोजमर्रा के खाने का अहम हिस्सा बनाता है। भारत में भोजन केवल स्वाद का विषय नहीं है। यह संस्कृति, परंपरा और भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। 5-स्टार रेस्टोरेंट में मिलने से ले कर ग्रामीण जीवनशैली तक, इसका महत्व उस मिट्टी से जुड़ा है जहां इसे तैयार किया जाता है।
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