अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस स्ट्रीटर के मुताबिक कि यह अध्ययन योग के प्रयोग का समर्थन करता है और ऐसे अवसादग्रस्त लोगों की श्वसन क्रिया में सहायक होता है, जो अवसादरोधी दवाओं का प्रयोग नहीं करते हैं। इसके अलावा योग ऐसे व्यक्तियों के लिए भी कारगर है, जो एक निश्चित मात्रा में अवसादरोधी दवाओं का सेवन करते हैं अथवा दवाओं के बाद भी जिनके अवसाद के लक्षणों में सुधार नहीं हो सका है।