क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

WD Feature Desk

सोमवार, 14 जुलाई 2025 (18:05 IST)
disadvantages of multigrain atta: आजकल स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग मल्टीग्रेन आटे को अपनी डाइट का अहम हिस्सा बना रहे हैं। यह सोचकर कि इसमें कई अनाजों का मिश्रण है, तो यह अधिक पौष्टिक और फायदेमंद होगा। इसमें कोई शक नहीं कि मल्टीग्रेन आटा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन क्या यह हर किसी के लिए और हर मौसम में फायदेमंद है? एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आप भी हमेशा सिर्फ मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाते हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए, क्योंकि यह आपके पेट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

मल्टीग्रेन आटा कब हो सकता है नुकसानदेह?
एक्सपर्ट्स बताती हैं कि अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे पेट फूलना, बदहजमी, या भूख न लगने जैसी शिकायतें रहती हैं, तो आपको मल्टीग्रेन आटा खाने से बचना चाहिए। ऐसा क्यों है, इसे हम आपको विस्तार से समझा रहे हैं।

दरअसल, मल्टीग्रेन आटे में कई तरह के अनाज होते हैं, जिनमें से कुछ भारी हो सकते हैं या जिनकी तासीर अलग-अलग होती है। जब पाचन तंत्र पहले से ही कमजोर हो या उसमें कोई समस्या हो, तो इतने सारे अनाजों को एक साथ पचाना मुश्किल हो जाता है। इससे पेट पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे अपच, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। कुछ लोगों को अलग-अलग अनाजों के मिश्रण से एलर्जी या संवेदनशीलता भी हो सकती है, जिससे पाचन संबंधी दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।

मौसम के मुताबिक सिंगल ग्रेन आटा खाएं:
हमारे पूर्वज हमेशा मौसम के अनुसार अपने आहार में बदलाव करते थे, और यह बात अनाजों पर भी लागू होती है। मौसम की प्रकृति के अनुसार अनाज का चुनाव करना शरीर को संतुलित रखने और पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
मानसून में रागी या बेसन की रोटी खाएं: यह मौसम नमी वाला होता है और हवा में नमी बढ़ने से पाचन अग्नि मंद हो जाती है। ऐसे में, रागी और बेसन जैसे अनाज हल्के और सूखने वाले होते हैं, जो शरीर की अतिरिक्त नमी को मैनेज करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। ये आसानी से पच जाते हैं और पेट को हल्का रखते हैं।
• सर्दी में बाजरा या ज्वार का आटा खाएं: सर्दी का मौसम ठंडा होता है, और इस दौरान शरीर को आंतरिक गर्मी की आवश्यकता होती है। बाजरा और ज्वार जैसे अनाज गर्म तासीर वाले होते हैं। ये शरीर में आंतरिक गर्मी पैदा करते हैं और चायपचाय (मेटाबॉलिज्म) को सहारा देते हैं। ये अनाज ऊर्जा प्रदान करते हैं और ठंड से लड़ने में मदद करते हैं, साथ ही पाचन को भी मजबूत रखते हैं।
• गर्मी में जौ या चावल का आटा शामिल करें: गर्मी में शरीर को शीतलता की आवश्यकता होती है। जौ और चावल के आटे की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर की गर्मी और एसिडिटी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये अनाज शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और गर्मी के मौसम में होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं से बचाते हैं।

मल्टीग्रेन आटा निश्चित रूप से पौष्टिक होता है, लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए। यदि आपको पाचन संबंधी समस्याएं हैं, तो मौसम के अनुसार सिंगल ग्रेन आटे का सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। यह न केवल आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखेगा, बल्कि आपके शरीर को मौसम के अनुकूल ऊर्जा और पोषण भी प्रदान करेगा। अपने शरीर की सुनें और समझें कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है। स्वस्थ रहें, संतुलित रहें!
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